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निदेशक की नियुक्ति में नियमों की अनदेखी

लनामिवि के डब्ल्यूआइटी से जुड़ा है मामला दरभंगा : लनामिवि के डब्ल्यूआइटी में शिक्षकों के 18 एवं शिक्षकेतर कर्मियों के कुल 34 पदों के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया में पूर्व के निर्णयों की अनदेखी का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी के अनुसार डब्ल्यूआइटी में कर्मियों की नियुक्ति में मैनेजिंग काउंसिल […]

लनामिवि के डब्ल्यूआइटी से जुड़ा है मामला
दरभंगा : लनामिवि के डब्ल्यूआइटी में शिक्षकों के 18 एवं शिक्षकेतर कर्मियों के कुल 34 पदों के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया में पूर्व के निर्णयों की अनदेखी का मामला प्रकाश में आया है.
जानकारी के अनुसार डब्ल्यूआइटी में कर्मियों की नियुक्ति में मैनेजिंग काउंसिल के पूर्व के निर्णय की अनदेखी की गई. पूर्व में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जारी किये गये विज्ञापन को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. वहीं डब्ल्यूआइटी में निदेशक की नियुक्ति पर भी सवाल उठ रहे हैं.
मैनेजिंग काउंसिल के पूर्व निर्णय की अनदेखी
सूत्रों का कहना है कि डब्ल्यूआइटी के मैनेजिंग काउंसिल की 27 अप्रैल 2013 की बैठक में लिये गये निर्णय की भी अनदेखी की गयी है.
तत्कालीन वीसी डॉ एसपी सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के मद संख्या 11 के अनुसार एआइसीटीइ के रेगुलेशन एवं राज्य सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में शिक्षक के 32, एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ के 74, टेक्निकल स्टाफ के 28 एवं चतुर्थ वर्ग के 28 पदों को स्वीकृत किया गया. साथ ही पूर्व से अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों के परफार्मेंस के आधार पर उनके सेवा नियमितीकरण के लिए निदेशक को कर्मियों की सूची सौंपने का निर्देश भी दिया गया. लेकिन कर्मियों का नियमितीकरण करने के बदले उनकी सेवा समाप्त कर अनुबंध पर ही नये कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया पुन: प्रारंभ कर दी गयी.
पूर्व में शिक्षकों की नियुक्ति को जारी हुआ था विज्ञापन
सूत्रों का यह भी कहना है कि जुलाई 2013 में भी डब्ल्यूआइटी में शिक्षकों के कुल 14 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. अभ्यर्थियों ने आवेदन भी किया पर साक्षात्कार आज तक नहीं हुआ. वहीं नियुक्ति संबंधी इस विज्ञापन के रद्द करने की अधिसूचना भी जारी नहीं की गयी. बावजूद नये सिरे से विज्ञापन प्रकाशित कर नियुक्ति की गयी.
न्यायादेश के विरुद्ध लगायी सिंडिकेट की मुहर
19 मई को एलपीए 1052/15 के सुनवाई के क्रम में उच्च न्यायालय ने अनुबंध के आधार पर किसी कर्मी के बदले अनुबंध के आधार पर ही नये कर्मी की नियुक्ति पर तत्काल रोक लगा दी.
बावजूद साक्षात्कार के आधार पर नये कर्मियों की नियुक्ति एवं पूर्व से कार्यरत कर्मियों की सेवा समाप्त करने संबंधी 11 मई के मैनेजिंग काउंसिल के निर्णय को 18 जून को आयोजित सिंडिकेट की बैठक में मुहर लगा दी.
निदेशक की नियुक्ति पर भी उठ रहे सवाल
डब्ल्यूआइटी के निदेशक प्रभावती की नियुक्ति पर भी सवाल उठ रहें हैं. जानकारों की मानें तो एआइसीटीइ के द्वारा तकनीकी संस्थानों के निदेशक के लिए जो योग्यता निर्धारित की गयी है उसकी अनदेखी की जा रही है.
बताया जाता है कि एआइसीटीइ के नियमों के अनुसार तकनीकी संस्थानों के निदेशक के लिये एमटेक योग्यता अनिवार्य है. जबकि वर्तमान निदेशक जंतुविज्ञान की शिक्षिका हैं. सूत्रों की मानें तो एआइसीटीइ के नियम के अनुसार स्थायी निदेशक नियुक्त करने के शर्त पर संस्थान को स्वीकृ ति दी गइ थी लेकिन आजतक संस्थान में स्थायी निदेशक की नियुक्ति न किया जाने से कइ सवाल उठने लगे हैं.
एआइसीटीइ का नियम यह भी कहता है कि निदेशक वही हो सकता है जो संस्थान के पाठ्यक्रम में शामिल किसी विषय से जुड़े हों. लेकिन नियमों की अनदेखी कर जंतुविज्ञान में एमएससी योग्यता वाले शिक्षक प्रभावती को संस्थान का निदेशक बना दिया गया है.
निदेशक की नियुक्ति हुई ही नहीं है, वे प्रभार में हैं. एआइसीटीइ के नियमों के तहत आज तक निदेशक की नियुक्ति ही नहीं हुई. महिला संस्थान होने के कारण प्रभावती को निदेशक का प्रभार दिया गया है. जिस तरह अभी तक संस्थान के अन्य निदेशकों की नियुक्ति की गयी है उसी आधार पर उन्हें निदेशक का प्रभार दिया गया है.
डॉ अजित कुमार सिंह, रजिस्ट्रार
लनामिवि, दरभंगा

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