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जलाकर मारा या पिटाई के बाद जलाया!

सिंहवाड़ा : सिमरी थाना क्षेत्र के भराठी गांव के मुन्ना सिंह की पत्नी जुली देवी को ससुराल वालों ने जिन्दा जलाकर मार डाला या मारकर जला दिया. यह अनसुलझी कहानी बनी हुई है. जिस प्रकार शव घर में देखा गया था. उससे कुछ भी साफ नहीं हो रहा है. जिस कमरे में महिला को जलाया […]

सिंहवाड़ा : सिमरी थाना क्षेत्र के भराठी गांव के मुन्ना सिंह की पत्नी जुली देवी को ससुराल वालों ने जिन्दा जलाकर मार डाला या मारकर जला दिया. यह अनसुलझी कहानी बनी हुई है. जिस प्रकार शव घर में देखा गया था. उससे कुछ भी साफ नहीं हो रहा है. जिस कमरे में महिला को जलाया गया था, उस कमरे में सिर्फवहीं तक आग की लौ थी,जहां वह सोयी हुई थी. अगल बगल रखा सामान सुरिक्षत था.

महिला चित अवस्था में सोयी हुई थी और शरीर का निचला हिस्सा मामूली जला हुआ था. शव के बगल में खून का छींटा भी कई जगह पाया गया था, जिसे एफएसएल की टीम ले गयी. इस कारण मामला उलझा हुआ लगता है. इन कारण से पुलिस भी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह रही है.

लोगों का कहना है कि अगर जिन्दा जलाया गया तो खून कहां से आया. आग लगने के बाद महिला छटपटाती और आग की लपटें कमरे के दूसरे भाग तक भी पहुंचता. लेकिन ऐसा नही था. न ही चिखने चिल्लाने की आवाज ही अगल बगल के लोग सुने. 4 जुलाई की रात करीब दस बजे लोगों ने हल्का धुआं देखा और जुटे तब तक वह दम तोड़ चुकी थी.

घर में कोई नही था. स्थानीय लोगों का कहना था कि मुन्ना, उसके पिता बैधनाथ सिंह, मां संझा देवी, बड़े भाई रंजन सिंह दिल्ली में रहते हैं. सबसे बड़ा भाइ पिन्टू सिंह पत्नी तथा बच्चों के साथ पटना में रहता है. घर पर मृतका की जेठानी रंजन की पत्नी सोनी देवी और देवर रौशन ही रहता था, जो घटना के बाद से फरार है. कई लोग दबे जुबान कह रहे थे कि इन दोनों के अलावा कुछ और लोग भी घटना में शामिल रहे होंगे. हालांकि मृतका के पिता ने जो प्राथमिकी दर्ज करायी है उसमें परिवार के लोगों को नामजद किया है.

थानाध्यक्ष दिनेश पासवान ने बताया कि देवर और जेठानी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मामला साफ होगा. जुली के एक वर्ष के लड़का को उसके नाना साथ ले गये. शव का दाह संस्कार भराठी गांव में ही किया गया. इस घटना को लेकर तरह तरह की चर्चा गांव में हो रही है.

मनीगाछी : एलपीजी का घरेलू कनेक्शन के लिए मात्र दो हजार रुपये लिया जाना है. अलग से गैस की कीमत लगती है. जबकि वसूले जाते हैं 54 सौ रुपये. नये गैस कनेक्शन के साथ एजेंसी चूल्हा, पाइप आदि सामान भी लेने के लिए मजबूर करती हैं, जबकि कंपनी का ऐसा कोई निर्देश नहीं है. हां, ब्रांडेड कंपनी का चूल्हा एवं अन्य सामान आपको खरीदनी है, जिससे उपयोग के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो. बताया जाता है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के विपणन विभाग से राणोश्वर शर्मा ने जब सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी तो उन्हें यह बताया गया कि मात्र दो हजार रुपये ही गैस कनेक्शन के लिए लिया जाना है. जबकि प्रखंड के रहमानी गैस एजेंसी के द्वारा 54 सौ रुपये गैस कनेक्शन के नाम पर वसूल किये जा रहे हैं.

श्री शर्मा सहित कई लोगों ने बताया कि आईओसी के निर्देश का उल्लंघन यहां के वितरक रहमानी गैस एजेन्सी खुल्लम खुल्ला करते हैं. कोई भी नया कनेक्शन 5400/5500 रुपये से कम में नहीं दिया जाता है. उचित मूल्य देने वालों को दौड़ाया जाता है. थक हार कर समझौते के अनुसार तय रकम अदा कर ही कनेक्शन दिया जाता है.

राजे के सुधीर चौधरी,पप्पू यादव,टटुआर के पवन झा,अमई के पंकज कुमार सहनी,चनौर के विश्व मोहन चौधरी ने बताया कि आम उपभोक्ता गैस के लिए परेशान रहते है जबकि भेंडर विभिन्न गाड़ियों में कई कई सिलेंडर भर कर ले जाते हैं. इस गैस एजेन्सी के खिलाफ कई बार स्थानीय प्रशासन से लेकर आईओसी के अधिकारी तक शिकायत भी की लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई.

बीडीओ सह एमओ सुभाष कुमार ने बताया कि गैस एजेन्सी द्वारा ऐसा किया जा रहा है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

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