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मिथिला महिला महाविद्यालय में दो जुलाई से नामांकन शुरू
दरभंगा : मिथिला महिला महाविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की संबद्ध इकाई है. शहर के आजमनगर में स्थित यह महाविद्यालय शहरी एवं निकटवर्त्ती ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं के लिए शिक्षा का महत्वपूर्ण संस्थान माना जाता है. यहां कला-विज्ञान व वाणिज्य के विभिन्न विषयों में इंटरमीडिएट व स्नातक स्तर पर पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध है. वर्त्तमान […]
दरभंगा : मिथिला महिला महाविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की संबद्ध इकाई है. शहर के आजमनगर में स्थित यह महाविद्यालय शहरी एवं निकटवर्त्ती ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं के लिए शिक्षा का महत्वपूर्ण संस्थान माना जाता है.
यहां कला-विज्ञान व वाणिज्य के विभिन्न विषयों में इंटरमीडिएट व स्नातक स्तर पर पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध है. वर्त्तमान में कॉलेज में लगभग दो हजार से अधिक छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.
इतिहास के झरोखे में
महाविद्यालय के स्थापना से संबंधित प्रस्ताव 5 अगस्त 1980 को विद्यापति सेवा संस्थान के आमसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया. प्रस्ताव के आलोक में 15 अगस्त 1980 को कॉलेज की स्थापना की गयी. शुरुआत में इसका संचालन बेंता स्थित माध्यमिक विद्यालय में किया गया.
कालक्रम में कई जगहों पर स्थानांतरित होते हुए 2008 में यह कॉलेज आजमनगर स्थित वर्त्तमान परिसर में पुर्नस्थापित हुआ. कॉलेज की स्थापना संस्थापक सचिव डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजू, डा. एसएम नबाव, डा. एसएन पालित, डा. भवनाथ मिश्र, डा. रामदेव झा, डा. शैलेंद्र मोहन झा सहित कई शिक्षाविद व समाजसेवियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. कॉलेज को 1990 में लनामिवि से स्थायी संबंधन प्राप्त हुआ वहीं 29 अगस्त 2012 को यूजीसी के धारा 2 बी व 12 एफ के तहत पंजीकृ त किया गया.
नामांकन प्रक्रिया
स्नातक कला-विज्ञान-वाणिज्य के प्रथम खंड में नामांकन की प्रक्रिया 2 जुलाई से शुरू होगी.नामांकन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लिया जायेगा. वहीं इंटरमीडिएट में नामांकन की प्रक्रिया मैट्रिक के परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद शुरू की जायेगी. बता दें कि आमतौर पर कॉलेज में नामांकन के लिए शहरी क्षेत्र के अलावा कारज, बड़ियौल, हरिहरपुर, पिंडारुच्छ, कं सी, जलवार, सुंदरपुर, बेला आदि निकटवर्त्ती ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राएं आवेदन करती हैं.
उपलब्ध सुविधाएं
कॉलेज में इंटर व स्नातक स्तर पर पारंपरिक विषयों की पढ़ाई के साथ ही लाइब्रेरी साइंस, पत्रकारिता, ड्रामा आदि विषयों की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध है. छात्राओं के लिए कॉमन रूम के साथ ही इंडोर गेम की भी व्यवस्था है. कॉलेज में सुसज्जित पुस्तकालय उपलब्ध है. प्रयोगशालाओं के लिए यूजीसी के अनुदान से उपकरण प्राप्त हुए हैं. इन्हें व्यवस्थित करने की प्रक्रिया चल रही है. कुल 14 वर्ग कक्ष हैं. साथ ही कंप्यूटर लैब निर्माणाधीन है. रीडिंग रुम का निर्माण भी अंतिम चरण में है.
कहते हैं प्रधानाचार्य
प्रधानाचार्य डा. अमरेंद्र कुमार मिश्र कहते हैं कि संसाधनों के अभाव के बावजूद कॉलेज छात्राओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने में तत्परता से जुटा हुआ है.
शिक्षा के साथ ही छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में भी एनएसएस के माध्यम से समय समय पर कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं. नैक की तैयारियों में भी कॉलेज जुट चुका है.
इस दिशा में आइक्यूएसी का गठन किया जा चुका है. डा. मिश्र ने बताया की राज्य सरकार से कॉलेज को तीन बार अनुदान प्राप्त हुआ है. नारी शिक्षा को समर्पित इस कॉलेज के संदर्भ में राज्य सरकार एवं विवि के स्तर पर विशेष संज्ञान को अपेक्षित बताते हुए उन्होंने कॉलेज में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को अपनी प्राथमिकता बताया.
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