दरभंगा. श्रीराम कथा महोत्सव के दूसरे दिन कोलकाता से आये आचार्य वेदानंद शास्त्रीजी ने बताया कि भगवान शंकर और पार्वती के ब्याह का तात्पर्य है श्रद्धा और विश्वास का मिलन. जब हमारे और आपके बीच में श्रद्धा-विश्वास आता है, धर्म और भक्ति दोनों हमारे हृदय में अवस्थित होते हैं. धर्म से जीवन का विकास, जीवन का सुख प्राप्त होता है तथा भक्ति से भावना की शुद्धि एवं भागवत प्रेम प्राप्त होता है. इसलिए श्रद्धा-विश्वास जन-जन को चाहिए. आचार्य ने बताया कि भवानी पार्वती भगवान शंकर के सामने भगवान रामनी से संबंधित कई प्रश्न की. प्रश्न को सुनकर हर्षित होकर भगवान शंकर ने श्रीराम अवतार के कई कारण बताये. श्रीराम पूर्ण ब्रहृम हैं, वहीं आदि नारायण हैं, वहीं सगुण साकार भगवान के रूप है. जिससे जन-जन का कल्याण होता है. हम सब अपने मन, वचन, कर्म को ऐसे प्रभु से जोड़ दें, ताकि हमारा वर्तमान, भविष्य दोनों श्रेष्ठ हो जायें. विधायक ललित यादव के निवास प्रांगण में श्रीराम कथा महोत्सव चल रहा है.
श्रद्धा-विश्वास का मिलन है शिव-पार्वती विवाह
दरभंगा. श्रीराम कथा महोत्सव के दूसरे दिन कोलकाता से आये आचार्य वेदानंद शास्त्रीजी ने बताया कि भगवान शंकर और पार्वती के ब्याह का तात्पर्य है श्रद्धा और विश्वास का मिलन. जब हमारे और आपके बीच में श्रद्धा-विश्वास आता है, धर्म और भक्ति दोनों हमारे हृदय में अवस्थित होते हैं. धर्म से जीवन का विकास, जीवन […]
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