दरभंगा : डीएमसीएच में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल गुरुवार देर शाम डीएम के आश्वासन के बाद समाप्त हो गयी. रात करीब साढ़े आठ बजे डॉक्टर काम पर लौट आये. इसके साथ ही डीएमसीएच की स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी. इधर, डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से तीन मरीजों की मौत हो गयी. वहीं, दूर-दराज से इलाज कराने पहुंचने वाले मरीज दिनभर परेशान होते रहे.
जानकारी के अभाव में गुरुवार सुबह मरीज व उनके परिजन ओपीडी पहुंचे. कुछ देर बाद जूनियर डॉक्टरों ने चिकित्सा व्यवस्था ठप कर दिया. सैकड़ों डॉक्टर शिशु विभाग, गायनी विभाग होते हुए ओपीडी पहुंचे व इमरजेंसी का गेट बंद कर वहीं बैठ गये. जेडीए के सदस्य सुरक्षा, इमरजेंसी में मरीज के साथ एक ही परिजन के प्रवेश, सजर्री कक्ष शुरू करने व आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. इस दौरान डीएमसीएच प्राचार्य डॉ आरके सिन्हा, प्रभारी अधीक्षक डॉ संतोष कुमार मिश्र, उपाधीक्षक डॉ बालेश्वर सागर के साथ वरीय चिकित्सकों ने कई बार वार्ता की, लेकिन जूनियर डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े रहे.
यह है मामला
20 मई की रात 11 बजे खानकाह चौक के पास की एक महिला की मौत हो गयी थी. इससे गुस्साये परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया था. डॉक्टरों के साथ मारपीट की व सीसीटीवी का मॉनीटर तोड़ डाला. परिजनों ने एक्स-रे रूम में भी तोड़फोड़ की. पीजी डॉक्टरों के जुटने के बाद सभी भाग निकले.