दरभंगाः अरसे बाद जंकशन पर रेलवे ने सघन टिकट निरीक्षण अभियान चलाया. पूरे स्टेशन परिसर की किलाबंदी कर करीब 12 घंटे तक टिकट चेकिंग की गयी, जिसमें 567 बेटिकट यात्री पकड़े गये. इनसे बतौर जुर्माना रेलवे को दो लाख 33 हजार 855 रुपये की आमदनी हुई. इस कारण दोपहर से ही यूटीएस टिकट काउंटर पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गयी. इसका असर टिकट बिक्री पर दिखा.
छह बजे से चला अभियान
गुरुवार की सुबह छह बजे सीनियर डीसीएम एमएआइ हुमायूं अधिकारियों के साथ दरभंगा जंकशन पहुंचे. इनके साथ डीसीएम वीरेंद्र मोहन तथा एसीएम उदय शंकर जायसवाल मौजूद थे. निरीक्षण अभियान के संचालन के लिए पांच वाणिज्य निरीक्षकों को तैनात किया गया था. इसमें वरुण कुमार सिंह, रमन झा, राजेश रंजन श्रीवास्तव, शिवकुमार प्रसाद तथा शशिकांत प्रसाद शामिल थे.
सभी गाड़ियों की हुई जांच
अभियान में शामिल 57 चल टिकट निरीक्षक, 20 आरपीएफ के जवान तथा 10 जीआरपी जवानों ने स्टेशन की किलाबंदी कर दी. जंकशन पर पहुंचने वाली तथा यहां से खुलने वाली सभी गाड़ियों की सघन जांच की गयी. चेकिंग के दौरान 567 यात्री बिना टिकट सफर करते पकड़े गये. उन्हें आरपीएफ थाने पर रखा गया.
सैकड़ों यात्रियों ने पकड़ाने के साथ ही टीटीइ के पास फाइन जमा कर छुटकारा पा लिया. शेष को प्रतिनियुक्त रेल मजिस्ट्रेट तथा सिविल मजिस्ट्रेट सीनियर डिप्टी कलेक्टर शिवशंकर पासवान ने दंडित किया. इससे रेलवे को दो लाख 33 हजार 855 रुपये की आमदनी हुई.
17 फीसदी अधिक बिके टिकट
टिकट चेकिंग से यात्रियों में हड़कंप मच गया. बिना टिकट लिये प्लेटफॉर्म पर भी किसी ने प्रवेश नहीं किया. यूटीएस टिकट काउंटर पर दोपहर से देर शाम तक यात्रियों की लंबी कतार लगी रही. महज 12 घंटे में औसत टिकट बिक्री में 17 फीसदी इजाफा दर्ज किया गया. वहीं अन्य दिनों ंकी अपेक्षा दोगुना प्लेटफॉर्म टिकट बिका.
छुड़ाने पहुंचे परिजन
चेकिंग में पकड़े गये यात्रियों के परिजन आरपीएफ थाना पहुंचे. देर शाम तक थाने के सामने भीड़ लगी रही. जैसे-जैसे मजिस्ट्रेट जुर्माना कर रहे थे. टीटीइ द्वारा रसीद बनाने के बाद रकम जमा कर रिश्तेदारों को छुड़ाने में लोग लगे दिखे. थानाध्यक्ष हीरा प्रसाद सिंह दिन भर अभियान में लगे रहे.