बहेड़ी : प्रखंड के किसानों से पैक्स एवं व्यापार मंडल में क्रय किये गये 33 हजार 476 क्विंटल धान की हालत धोबी की गदहे की तरह हो गयी. जो अब न तो घर का रहा और न ही घाट का.
इसके उठाव को लेकर व्यापार मंडल एवं पैक्स के अघ्यक्ष एक तरफ आंदोलन कर रहे हैं, वही दूसरी ओर किसानों को धान वापस ले जाने की धमकी भी दे रहे हैं. खरारी के किसान कन्हैया सिंह, यशोवर्घन सिंह, गुलटेन साहू भोला महतो आदि के अनुसार वापसी में प्रति मन पांच किलो सूखा जाने की भी चेतावनी दी जा रही है. क्योंकि गोदाम नही रहने के कारण खुले आसमान में रखे धान काफी मात्र में बर्बाद हो गया है.
उल्लेखनीय है कि इस प्रखंड के व्यापार मंडल एवं पैक्सों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 60 हजार क्विंटल धान क्रय का लक्ष्य दिया गया था.जिसके विरुद्घ 19 पैक्स एवं व्यापार मंडल ने 51 हजार 310 क्विंटल धान का क्रय किसानों से किया. इसमें नोडल एजेंसी एसएफसी ने मात्र 17 हजार 834 क्विंटल का ही उठाव किया. शेष धान खुले आसमान के नीचे रखा हुआ है. जिसके कारण हाल में हुई बेमौसम की बारिश, आंधी एवं भूकंप में इसको भी नुकसान पहुंचाया है. क्योंकि व्यापार मंडल एवं कई पैक्सों को अपना गोदाम नहीं है.
सूत्रों की मुताबिक इस बीच डीसीओ ने इन धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर मात्र 26 हजार 970 क्विंटल धान अवशेष रह जाने की रिपोर्ट डीएम को भेज दी. जबकि पैक्स एवं व्यापार मंडल के अध्यक्षों का कहना है कि साढे 34 हजार क्विंटल धान अब भी पड़ा हुआ है.
डीएम के निर्देश पर बीडीओ , सीओ एवं बीसीओ ने इसका भैतिक सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट डीएम को भेज भी दिया है. बावजूद अभी तक धान का अठाव नहीं होने के कारण किसानों को अब तक समर्थन मूल्य नहीं मिला है. उपर से उन्हें धान वापस लेने की धमकी भी दी जा रही है.