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परिवार की रजामंदी के विरुद्ध की थी शादी
बिरौल : सोनपुर गांव के भोला मुखिया के पुत्र राजा मुखिया ने परिवार के रजामंदी के बगैर सोनबेहट गांव के साधु मुखिया की पुत्री रूबी से शादी किया था. वह भी गांव सरपंच, चौकीदार समेत अन्य लोगों के साथ पंचनामा बनाने के बाद. हालांकि शादी को लेकर पहले से राजा के परिवार के साथ बातचीत […]
बिरौल : सोनपुर गांव के भोला मुखिया के पुत्र राजा मुखिया ने परिवार के रजामंदी के बगैर सोनबेहट गांव के साधु मुखिया की पुत्री रूबी से शादी किया था. वह भी गांव सरपंच, चौकीदार समेत अन्य लोगों के साथ पंचनामा बनाने के बाद. हालांकि शादी को लेकर पहले से राजा के परिवार के साथ बातचीत चल रही थी. शादी की तिथि भी तय हो गयी थी. पर खटका के कारण एक साल तक शादी नहीं करने का फैसला राजा के परिवार वालों ने किया था.
बावजूद राजा जिद पर अड़ गया और रूबी के घर पहुंचकर पहले से तय तिथि दस मार्च को शादी कर लिया. 26 मार्च को वह अपने पति के साथ ससुराल गयी. इसी बीच छह अप्रैल को रूबी के पिता को फोन आया कि उसकी पुत्री की हत्या कर शव को कहीं फेंक दिया गया है.
जब रूबी के पिता एवं अन्य उसके ससुराल पहुंचे तो न तो रूबी थी और न ही उसके ससुराल के एक भी लोग ही घर पर थे. सब के सब फरार थे. इसके बाद हत्या की संभावना को बल मिला और रूबी के पिता ने थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. पुलिसिया कार्रवाई नहीं होने पर पुलिस के साथ मारपीट कर सड़क को जाम कर दिया.
दहेज के लिए 90 हजार में बेची थी जमीन
पारिवारिक सूत्रों की मानें तो रूबी की शादी के लिए उसके पिता साधु मुखिया ने अपने घर के पास के एक कट्ठा जमीन 90 हजार रुपये में गांव के ही सिकंदर सहनी के हाथों बेचा था. जमीन बेचकर उसने अपनी बेटी की शादी के लिए दहेज दिया था. सोनपुर गांव के भोला मुखिया के पुत्र राजा मुखिया से अपनी पुत्री की शादी के लिए उसने मांगे गये दहेज के साथ अन्य सामान भी दे दिये थे.
इसके बाद दोनों परिवार की रजामंदी से 10 मार्च को शादी की तिथि तय की गयी.
इसी बीच लड़की पक्ष के परिवार में खटका होने के कारण शादी की तिथि को रद्द कर दिया गया. राजा के पिता ने कहा कि अगले एक साल तक अब वह अपने बेटे की शादी उस घर में नहीं करेगा. इसके बाद रूबी के परिवार वाले थोड़े मायूस हो गये. शादी रद्द हो गयी. पिता के द्वारा शादी की तिथि को रद्द करना राजा को गवारा नहीं लगा.
उसने अपने परिवार के विरोध के बावजूद रूबी के घर 10 मार्च को पहुंच गया और शादी करने पर अडिग हो गया. रूबी के परिवार के लोग राजा को देख कुछ देर के लिए अचरज में पड़ गये और भीतर ही भीतर खुश भी हुए. किंतु शादी के बाद कुछ अनहोनी न हो इसके लिए रूबी के पिता ने गांव के सरपंच जोगिन्दर यादव एवं चौकीदार लालन की मौजूदगी में लोगों को बैठाकर राजा मुखिया से पंचनामा बनवाया. इसके बाद राजा की शादी रूबी के साथ 10 मार्च को करायी गयी. शादी के बाद 26 मार्च को रूबी को विदा कराकर वह अपने घर ले गया.
परिवार वाले राजी नहीं हुए तो ले जाऊंगा मुंबई
शादी के समय राजा ने अपने ससुराल वालों से यह कहा था कि यदि उसके परिवार के लोग शादी के बाद राजी नहीं हुए और घर में नहीं रहने दिये तो रूबी को लेकर वह मुम्बई चला जायेगा.
वहीं पर वह मेहनत मजदूरी करके खायेगा. रूबी को भी साथ रखेगा. यह सुनकर रूबी के परिवार के लोग भी संतुष्ट हो गये थे. बावजूद इसके बाद ऐसा क्या हुआ कि 6 अप्रैल को रूबी के पिता को अचंभित करने वाली सूचना मिली. इधर,आक्रोश के बाद रूबी की खोज में पुलिस खाक छान रही है.
सौ से अधिक स्थानों पर छापामारी कर रूबी के ससुरालवालों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया. दर्जन भर से अधिक गीले स्थानों पर खुदाई की गयी. परंतु पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा.
इधर, पिछले दो दिनों से विभिन्न नदियों में भी उसकी तलाश की जा रही है. पुलिस का मानना है कि यदि हत्या किया होगा शव को कहीं न कहीं जरूर फेंका होगा या फिर जमीन के अंदर गाड़ दिया होगा. इसको लेकर पुलिस के द्वारा लगातार छापामारी कर पूरे मामले का उद्भेदन करने का प्रयास किया जा रहा है.
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