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संस्कृत विवि में व्यावसायिक कोर्स शुरू
तीन दर्जन छात्रों के साथ विवि में शुरू हुई सीसीए की कक्षा दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए गुरुवार का दिन ऐतिहासिक माना जा सकता है. भारतीय संस्कृति की पारंपरिक प्राच्य शिक्षा के संरक्षण व संवर्धन के उद्देश्य से स्थापित इस विश्वविद्यालय ने 21 वीं सदी के आधुनिक दौर में व्यावसायिक शिक्षा […]
तीन दर्जन छात्रों के साथ विवि में शुरू हुई सीसीए की कक्षा
दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए गुरुवार का दिन ऐतिहासिक माना जा सकता है. भारतीय संस्कृति की पारंपरिक प्राच्य शिक्षा के संरक्षण व संवर्धन के उद्देश्य से स्थापित इस विश्वविद्यालय ने 21 वीं सदी के आधुनिक दौर में व्यावसायिक शिक्षा के बीच संतुलन स्थापित करने की सोच के साथ कम्प्यूटर में सर्टिफिकेट कोर्स की शुरुआत की.
गुरुवार को कुलपति डा. देवनारायण झा ने फीता काटकर सीसीए की कक्षा का शुभारंभ किया. इस अवसर अपने उद्गार व्यक्तकरते हुए कुलपति डा. झा ने कहा कि यह दिन विश्वविद्यालय परिवार के लिए गौरव का दिन है. डा. झा ने कहा कि विवि की यह उपलब्धि उनके कार्यकाल में प्राप्त हुए पर यह विवि के साथ ही छात्रों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना स्वयं उनके लिये. उन्होंने कहा कि इस शुभारंभ के साथ ही विवि ने व्यावसायिक शिक्षा की ओर अपना पहला कदम बढ़ा दिया है.
उनकी कोशिश होगी की यह प्रयास आनेवाले दिनों में विवि को व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में इतना आगे ले जाये कि अन्य विश्वविद्यालयों के साथ प्रतिस्पर्धा में संस्कृ ति विवि अपना एक अलग मुकाम स्थापित कर सके. उन्होंने सीसीए में नामांकन लेनेवाले छात्रों से नियमित कक्षा करने की अपील करते हुए कहा कि यदि यहां से छात्र अपनी लगन व मेहनत से जीवन में आगे बढ़ें और कॅरियर के रुप में अच्छी जगहों को प्राप्त करें. तो यह विवि की वास्तविक उपलब्धि होगी.
छात्रों को संबोधित करते हुए कुलपति डा. झा ने कहा कि संस्कार दो तरह के होते हैं. एक संस्कार जन्म से जुड़ा है. यह संस्कार परिवार से मिलता है. जबकि दूसरा संस्कार शिक्षा से जुड़ा है. यह संस्कार गुरु प्रदान करते हैं.
छात्रों से उन्होंने अपनी संस्कृति के बचाव के लिए कार्य करने की अपील करते हुए कहा कि संस्कृत विवि का मूल संस्कृत से जुड़ा है.
आज के वैश्विक दौर में संस्कृति की रक्षा के साथ विश्व के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की जरुरत है. इसके लिए प्राच्य विद्या के संरक्षण-संवर्धन के साथ ही आधुनिक युग के प्रमुख आयामों का अध्ययन आवश्यक है. विवि में व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत के प्रयासों के लिए कुलपति ने निदेशक व सह निदेशक के प्रति आभार व्यक्त किया.
इस अवसर पर निदेशक डा. निशिकांत प्रसाद सिंह, सह निदेशक नरोत्तम मिश्र, दूरस्थ शिक्षा निदेशक डा. श्रीपति त्रिपाठी, शिक्षा शास्त्र निदेशक डा. घनश्याम मिश्र सहित लगभग तीन दर्जन नवनामांकित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे. निदेशक डा. सिंह ने बताया कि सैद्धांतिक कक्षाएं धर्मशास्त्र विभाग के हॉल में जबकि प्रायोगिक कक्षाएं शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रयोगशाला में संचालित होगी.
ोक सुनाने वाले को वीसी देंगे 5100 रुपये का इनाम
सीसीए के कक्षारंभ के अवसर पर कुलपति डा. देवनारायण झा ने छात्रों के बीच घोषणा करते हुए कहा कि जो छात्र श्रीहर्ष चरित नैषधीय चरितम् के पांच सर्ग कं ठस्थ कर सुना देंगे तो वीसी डा. झा उस छात्र को 5100 रुपये इनाम देंगे. इस अवसर पर कुलपति डा. झा मिठाई मंगवाकर छात्रों का मुंह भी मिठा करवाया.
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