श्रीमद् देवी भागवत कथा के 8वें दिन डॉ सोमेश्वर नाथ झा दधिची ने दिया प्रवचन फोटो संख्या- 05 व 06परिचय- कथा वाचन करते व्यास सोमेश्वरनाथ झा दधिची व उपस्थित श्रद्धालु दरभंगा. हेलो नहीं हरिओम बोलें, अपनी संस्कृति का छाप छोड़ें. किसी को अस्तित्व या पहचान उसके संस्कारों से होता है. संस्कार से संस्कृति बनती है. संस्कृति के उदय से देश का उदय होता है एवं संस्कृति के अस्त होते ही देश का भी अस्त हो जाता है. किसी भी देश की पहचान को समाप्त करना है तो पहले उसकी संस्कृति पर हमला करना पड़ता है. स्थानीय गंज स्थित श्यामा पीताम्बरा धाम नव निर्माणशील मंदिर में श्रीमद् देवी भागवत कथा के आठवें दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए डॉ सोमेश्वर नाथ झा दधिची ने यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि भारतीय के उत्थान का कारण संस्कार का पालन है. सभी देशवासियों के द्वारा संस्कृति की रक्षा ही देश को उत्थान पथ पर ले जाता है. संस्कार का त्याग पतन का मूल कारण होता है. भारत भूमि ऋषि प्रदत्त संस्कृति है. इसका संवर्धन ही विकास ला सकता है. पाश्चात्य चश्मा चढ़ाकर देश का विकास नहीं हो सकता बल्कि इससे देश विनाश की ओर अग्रसर होगा. श्री दधिची ने कहा कि आज कहने को तो देश पर शासन अपना है किंतु भारतीय संस्कृति की चर्चा करने वालों को सांप्रदायिक कहा जाता है. शासक वर्ग से अब अपनी संस्कृति संस्कारों की रक्षा नहीं हो सकती. हमारी विरासत, पहचान, आध्यात्म प्रधान संस्कृति है. पाश्चात्य शिक्षा पाश्चात्य की ओर खींचती है. अत: भारतीय शिक्षा पद्धति का अनुसरण करना अनिवार्य है. इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.
BREAKING NEWS
पतन का मूल कारण है संस्कारों का त्याग
श्रीमद् देवी भागवत कथा के 8वें दिन डॉ सोमेश्वर नाथ झा दधिची ने दिया प्रवचन फोटो संख्या- 05 व 06परिचय- कथा वाचन करते व्यास सोमेश्वरनाथ झा दधिची व उपस्थित श्रद्धालु दरभंगा. हेलो नहीं हरिओम बोलें, अपनी संस्कृति का छाप छोड़ें. किसी को अस्तित्व या पहचान उसके संस्कारों से होता है. संस्कार से संस्कृति बनती है. […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement