शिवराम में भागवत कथा फोटो- फारवर्ड बेनीपुर . ईश्वर में आस्था एवं भजन के लिए उम्र सीमा निर्धारित नहीं है. उक्त बातें प्रखंड के शिवराम ब्रहृमस्थान में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के दौरान वृंदावन से पधारे व्यास सुनील शास्त्री ने बुधवार को प्रहलाद एवं ध्रुपद चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि प्रहलाद में वाल्यावस्था से ही ईश्वर में असीम आस्था थी. इसका विरोध उनके पिता स्वयं कर रहे थे. अग्नि में जलवाया, पहाड़ से फेंकवाया पर प्रहलादजी ने दुनियां को बता दिया कि भगवान सर्वश्व विराजमान हैं तथा खंभे में परमात्मा को दिखा दिया. वहां स्वयं भगवान नरसिंह रूप में अवतरित हो भक्तों का मान बढ़ाया. व्यासजी ने श्रद्धालुओं से गाय, गंगा एवं गौरी की महात्म्य पर विस्तार से चर्चा करते हुए इसकी रक्षा करने की शपथ लेने का भी आह्वान किया. उन्होंने गौरी (बेटी) को दुष्ट रक्षक बताते हुए कहा कि क्या बेटी के बिना श्रृष्टि का निर्माण हो सकता है और इस कलयुग में स्वयं ममतामयी मां उसे अपने गर्भ में हत्या कर देती है. धार्मिक एवं कानूनी दोनों दृष्टि से अपराध माना जाता है.
भजन के जिलए कोई उम्र नहीं : सुनील
शिवराम में भागवत कथा फोटो- फारवर्ड बेनीपुर . ईश्वर में आस्था एवं भजन के लिए उम्र सीमा निर्धारित नहीं है. उक्त बातें प्रखंड के शिवराम ब्रहृमस्थान में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के दौरान वृंदावन से पधारे व्यास सुनील शास्त्री ने बुधवार को प्रहलाद एवं ध्रुपद चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि प्रहलाद में […]
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