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बिछड़े मित्र मिले, याद आये पुराने दिन
दरभंगा : उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान दरभंगा मेडिकल कॉलेज सोमवार को अपनी ‘उपलब्धि’ पर मुस्कुरा रहा था. वहीं नये दोस्तों के जोश व मेधा के प्रति आश्वस्त डीएमसी का सिर गर्व से उठता नजर आ रहा था. उसके संग खुशी के पल जीने व गम पीने वाले एक साथ उसके नये-पुराने मित्रों […]
दरभंगा : उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान दरभंगा मेडिकल कॉलेज सोमवार को अपनी ‘उपलब्धि’ पर मुस्कुरा रहा था. वहीं नये दोस्तों के जोश व मेधा के प्रति आश्वस्त डीएमसी का सिर गर्व से उठता नजर आ रहा था. उसके संग खुशी के पल जीने व गम पीने वाले एक साथ उसके नये-पुराने मित्रों को पाकर फूले नहीं समा रहा था.
उस दिन को याद कर गदगद हो रहा था जिस दिन यह अस्तित्व में आया. अवसर था, डीएमसी के स्थापना दिवस का. सभी के चेहरे खिले थे. एक-दूसरे से गले मिलकर स्थापना दिवस की बधाई दे रहे थे.
कॉलेज के ऑडिटोरियम में कार्यक्रम की शुरुआत सुबह पुराने बिल्डिंग में झंडोत्ताेलन के साथ हुई. झंडोत्ताेलन के उपरांत महाराजा राज रामेश्वर सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए नये भवन तक गाजे-बाजे के साथ मार्च पास्ट निकालते हुए वहां भी झंझोत्ताेलन किया गया. ऑडिटोरियम में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम के प्रथम सत्र में कॉलेज के छात्र रहे जिले के 12 वरीय चिकित्सकों को स्वास्थ्य क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए गैड्र मास्टर सम्मान से सम्मानित किया गया. समारोह में देश के कई प्रांत के तथा स्थानीय चिकित्सक एक-दूसरे से मिलने के बाद भाव-विभोर हो रहे थे.
डीएमसी के प्राचार्य डॉ आरके सिन्हा ने विषयवार टॉप पर गोल्ड मेडल से पुरस्कृत करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि भविष्य में टॉप रहने के साथ ही विद्यार्थियों को 70 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करना होगा और उपस्थिति भी 75 फीसदी से अधिक रखना होगा तभी गोल्ड मेडल दिया जायेगा. कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र सह पीएमसीएच से अवकाश प्राप्त वरीय चिकित्सक डॉ यूपी सिंह ने कॉलेज के इतिहास पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके विकास के लिए वे सदैव आगे रहेंगे. विकासात्मक कार्यो के लिए वे सरकार के समक्ष अपनी बातों को रखेंगे.
आयोजन सचिव डॉ एसडी सिंह ने कहा कि कॉलेज के विकास के लिए दो करोड़ की अनुदान राशि का लक्ष्य रखा गया है. लक्ष्य की प्राप्ति के लिए देश के सभी प्रांतों में कार्यरत पूर्ववर्ती छात्रों से संपर्क किया जायेगा. उन्होंने बताया कि विदेश में रह रहे पूर्ववर्ती छात्रों ने भी सहयोग करने का आश्वासन दिया है. इस अवसर पर मंचासीन डीएमसीएच के अधीक्षक डॉ शंकर झा, डॉ केएनपी सिन्हा, वरीय चिकित्सक डॉ एएन सिंह, डॉ सुशील कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किया. मौके पर डॉ एसके श्रीवास्तव, डॉ केएन मिश्र, डॉ रिजवान हैदर, डॉ शीला साहु, डीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ संतोष मिश्र, डॉ बालेश्वर सागर सहित छात्र-छात्रएं उपस्थित थे.
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