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बेहोश मिली युवती के पास मिला पत्र, लिखा- लड़कियों ने जींस पहना तो बुरा होगा हाल
बेहोश मिली युवती के पास से मिले पत्र से सनसनी दरभंगा : लहेरियासराय स्थित डीएम आवास के सामने सोमवार को करीब 22 वर्षीय युवती को बेहोशी की हालत में बरामद किया गया. उसके पास से मिले दो पत्रों से सनसनी फैल गयी. पत्र में एसएसपी को संबोधित कर लड़कियों को जींस न पहनने की हिदायत […]
बेहोश मिली युवती के पास से मिले पत्र से सनसनी
दरभंगा : लहेरियासराय स्थित डीएम आवास के सामने सोमवार को करीब 22 वर्षीय युवती को बेहोशी की हालत में बरामद किया गया. उसके पास से मिले दो पत्रों से सनसनी फैल गयी. पत्र में एसएसपी को संबोधित कर लड़कियों को जींस न पहनने की हिदायत दी गयी है. ऐसा करने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी गयी है. युवती झारखंड के गिरिडीह के नवाडीह की रहनेवाली बतायी जाती है. पत्र की चेतावनी के सच के बारे में पुलिस पता लगा रही है. वैसे जो प्रमाण मिले हैं, उससे दोनों पत्र युवती के खुद के लिखे प्रतीत होते हैं.
बरामद पत्र एसएसपी को संबोधित है. इसमें राजकुमार नामक किसी व्यक्ति के नाम से लिखा है कि लड़कियां अगर जींस पहनकर निकलेंगी तो उनका बुरा हाल होगा. आज तो कपड़ों में यह लड़की मिली है. दो दिन बाद बेपर्दा मिलेगी. भारतीय संस्कृति के अनुसार वे साड़ी व सूट में रहें. मेरे लोग पूरे शहर में फैले हैं. दो दिन में अगर लड़कियों ने अपना पहनावा ठीक नहीं किया, तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें. जैसे ही यह खबर लोगों व पुलिस के बीच पहुंची, एक पल के लिए हड़कंप मच गया. पूरा महकमा सत्यता जांचने व छानबीन में जुट गया.
दोपहर में सामने आये इस मामले को लेकर शाम तक कोई भी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं था. रात करीब नौ बजे सदर थाना पर एसएसपी मनु महाराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि युवती मानसिक रूप से अवसादग्रस्त मालूम पड़ती है. छानबीन में जो कुछ जानकारी मिली है, उससे पहली नजर में ऐसा लगता है जैसे खुद उसने ही पत्र लिखा है.
बताया जाता है कि युवती एक निजी कंपनी में मार्केटिंग एक्सक्यूटिव के रूप में काम करती है. एक सप्ताह पूर्व ही वह दरभंगा आयी. सोमवार को दोपहर वह डीएम आवास के सामने बेहोश मिली. आनन-फानन में उसे डीएमसीएच के आपात विभाग में भरती कराया गया. पुलिस ने कंपनी के मैनेजर रवि कुमार को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी. रवि के अनुसार रजाउल नामक एक लड़का जो कंपनी में काम करता है, लड़की के साथ था. इधर अस्पताल सूत्रों के अनुसार, बीच में कुछ क्षण के लिए उसे होश आया. लेकिन वह कुछ बता नहीं सकी. वह काफी डरी हुई दिख रही थी.
इस मामले की पड़ताल में जुटी पुलिस टीम से मिली जानकारी के बाद रात में एसएसपी ने बताया कि मैनेजर से मिली जानकारी के तहत वह नौ महीने से कटिहार में काम कर रही थी. वहां भी वह डिप्रेशन की शिकार हो गयी थी. डॉक्टरों से उपचार के बाद उसने टोटका के तहत ताबीज भी पहना, जिसके बाद वह सामान्य हो गयी. अभी भी वह डिप्रेशन में ही मालूम पड़ती है.
एक्सपर्ट के पास जायेगा पत्र
युवती के पास से बरामद चिट्ठी का मिलान पिछले दिनों मैनेजर को युवती के भेजे गये पत्र के लिखावट से भी किया गया. प्रथमदृष्टया दोनों लिखावट एक समान नजर आ रही है. वैसे इसे एक्सपर्ट के पास भेजा जा रहा है. एसएसपी ने कहा कि जबतक युवती पूरी तरह होश में नहीं आती, कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता. इधर, डीएम आवास पर तैनात गार्ड का कहना है कि युवती एक घंटे से वहां था. वह कागज पर कुछ लिख भी रही थी. इसके बाद उसे बेहोश देखा गया.
डिप्रेशन की शिकार नहीं है मेरी बेटी, युवती के पिता को इसकी सूचना दे दी गयी. वह धनबाद से दरभंगा के लिए रवाना हो गये हैं. फोन पर युवती के पिता ने बताया कि उनकी बेटी डिप्रेशन की शिकार नहीं है. कंपनी के मैनेजर उसपर झूठा आरोप लगा रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि अगर लड़की मानसिक रूप से बीमार है तो कंपनी ने उसे नौकरी पर क्यों रखा.
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