फोटो फारवार्डेड :::::::::बेनीपुर. स्थानीय अंचल कार्यालय परिसर में मंगलवार को मलवे में दबे दो पुराने जमाने का तिजोरी (लॉकर) मिला. मलवे में दबे लॉकर मिलने की सूचना पाते ही उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. आखिर इसमें है क्या? और अंचल प्रशासन इसके प्रति इतने उदासीन क्यों बना रहा? ज्ञात हो कि मनरेगा भवन एवं किसान सभा भवन के बीच एक नया भवन निर्माण किया जायेगा. इसी के लिए वहां पड़े मलवे की सफाई जेसीबी के किया जा रहा था. उसी क्रम में उक्त दोनों लॉकर मिला जिसे उठाकर अंचल कार्यालय में रख दिया गया. भवन ध्वस्त होने के बाद कार्यालय तो दूसरे जगह स्थानांतरित कर दिया गया पर शायद उक्त महत्वपूर्ण खजाना का शायद कोई सुधि नहीं लिया और उसी समय से वह मलवे में दबा रहा. इस संबंध में पूछने पर एसडीओ अरविंद कुमार ने बताया कि पूर्व में अंचल एवं प्रखंड के डबल लॉकर का खजाना हुआ करता था. जिसमें कैश रखा जाता था और उसके सुरक्षा में अंचल गार्ड रहता था. पर बैंक के जमाना आते ही उसमें राशि रखने की परंपरा समाप्त हो गयी. वैसे बीडीओ, सीओ के स्थानांतरण के क्रम में उसका चाबी का भी आदान-प्रदान होता था. पैसा तो नहीं हो सकता है कि उसमें कोई अति महत्वपूर्ण कागजात हो सकता है. वह सीओ के आने के बाद पता लगेगा की चाबी है या नहीं?
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मलवे में मिला अंचल का पुराना तिजोरी
फोटो फारवार्डेड :::::::::बेनीपुर. स्थानीय अंचल कार्यालय परिसर में मंगलवार को मलवे में दबे दो पुराने जमाने का तिजोरी (लॉकर) मिला. मलवे में दबे लॉकर मिलने की सूचना पाते ही उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. आखिर इसमें है क्या? और अंचल प्रशासन इसके प्रति इतने उदासीन क्यों बना रहा? ज्ञात हो कि […]
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