दरभंगा : चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार मालवीय की अदालत ने सहायक अवर निरीक्षक विजय कुमार की हत्या के मामले में गायघाट थाना क्षेत्र के जारंग निवासी तथा लहेरियासराय आरक्षी निवास स्थित बजरंगबली मंदिर के पुजारी विपिन सिंह को भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास तथा दस हजार रुपये अर्थदंड की […]
दरभंगा : चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार मालवीय की अदालत ने सहायक अवर निरीक्षक विजय कुमार की हत्या के मामले में गायघाट थाना क्षेत्र के जारंग निवासी तथा लहेरियासराय आरक्षी निवास स्थित बजरंगबली मंदिर के पुजारी विपिन सिंह को भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास तथा दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
अर्थदंड की राशि नहीं देने पर दोषी को दो वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी. अभियोजन पक्ष का संचालन कर रहे लोक अभियोजक नसीरुद्दीन हैदर ने बताया कि दरभंगा मंडल कारा से उत्तर आरक्षी निवास के निकट 15 नवंबर 2015 की सुबह में आवास से तैयार होकर ड्यूटी पर जा रहे हवलदार विजय कुमार को मंदिर के पुजारी विपिन सिंह ने कलेजे में छुड़ा घोंप कर घायल कर दिया था. घायलावस्था में इलाज के लिए उसे भेजा जाता, इसी बीच उसकी मौत घटनास्थल पर हो गई.
लोक अभियोजक श्री हैदर ने बताया कि आरक्षी निवास के शौचालय में शौच करने से मना करने की रंजिश को लेकर अभियुक्त ने हवलदार विजय की हत्या कर दी थी. प्रशासन की नाक के नीचे लहेरियासराय बस स्टैंड के निकट सार्वजनिक स्थल पर हत्या की इस वारदात से पूरा शहर दहल उठा था.
इस निर्मम घटना को ले ट्रैफिक एसआइ अरुण कुमार के आवेदन पर लहेरियासराय थाना में आरोपित विपिन सिंह के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत कांड संख्या 544/ 2015 दर्ज किया गया था. श्री हैदर ने बताया कि मामले में आरोपित के विरुद्ध 17 अगस्त 2016 को आरोप गठन किया गया. इसके पश्चात अभियोजन की ओर से दस गवाहों की गवाही कराई गई. साथ ही घटना में प्रयुक्त छुरा पर लगे खून आरोपित के धोती पर लगे खून तथा भूमि पर गिरे खून की जांच में एक ही पाया गया.
अदालत ने उभय पक्षों की सुनवाई के पश्चात विगत शनिवार को विपिन सिंह को हत्या मामले में दोषी पाया था. अदालत में बुधवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई के पश्चात दोषी को आजीवन कारावास तथा दस हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनायी.