दरभंगाः बुधवार को चार साल के एक मासूम बच्चे को उसके चचेरे दादा ने चापाकल के हैंडल से मारकर उसकी निर्मम हत्या कर दी. मामला सारामोहनपुर गांव का है. मंगलवार को भूमि विवाद में उक्त गांव निवासी लक्षो सहनी के पुत्र मंगल सहनी (50) ने अपने ही भतीजा शिबू सहनी की पत्नी सुनीता देवी, माता देवकी देवी को मारकर घायल कर दिया.
शिबू के चार साल का पुत्र दिलखुश आंगन में खाना खा रहा था. उसी समय मंगल ने चापाकल के हैंडल से उस मासूम बच्चे पर प्रहार कर दिया. इससे बच्च गंभीर रूप से जख्मी हो गया. परिजनों ने इलाज के लिये घायलों को डीएमसीएच ले गये, जहां डॉक्टरों ने सभी का प्राथमिक उपचार कर बच्चे को पीएमसीएच रेफर कर दिया.पैसे के अभाव में परिजन बच्चे को घर वापस ले आये और इस दौरान मासूम दिलखुश की मौत हो गयी.
मौत की घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को दरभंगा-सकरी पथ के सारामोहनपुर चौक पर बच्चे की लाश को रखकर सड़क जाम कर दिया. आंदोलनकारी सड़क पर बांस बल्ला लगाकर टायर जलाकर विरोध करने लगे. प्रशासन से हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. सूचना मिलते ही सदर थाना पुलिस जामस्थल पर पहुंच गयी. इस बीच पुलिस को प्रदर्शनकारियों का आक्रोश भी झेलना पड़ा. आंदोलनकारियों को पुलिस शांत कराने में लगी रही. लाश के समक्ष बैठे बच्चे की मां सुनीता देवी की बिगड़ती हालत को देखते हुए पुलिस ने एंबुलेंस बुलाकर इलाज के लिये डीएमसीएच पहुंचाया.
जाम छुड़ाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. सदर बीडीओ आभा कुमारी को भी स्थल पर पहुंचना पड़ा. पारिवारिक लाभ के तहत 20 हजार रुपये का चेक परिजनों को उपलब्ध कराया. इसके बाद ही लोग शांत हुए. पुलिस ने लाश को कब्जे में कर अंत्यपरीक्षण के लिये डीएमसीएच भेज दिया गया.
पांच घंटे तक रहा सड़क जाम
करीब पांच घंटे तक सड़क यातायात बाधित रहा. आंदोलनकारी उधर से गुजरने वाले दो पहिया व चार पहिया वाहनवालों को भी नहीं बख्श रहे थे. यहां तक कि एंबुलेंस को भी नहीं बख्शा जाता था. पांच घंटे बाद सड़क यातायात चालू हो सका.
इधर थाना में बच्चे की मां सुनीता देवी के बयान पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी में मंगल सहनी, पत्नी-श्रद्धा देवी एवं कैलु सहनी की पत्नी रधिया देवी को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
मुंबई से लौटा पिता
मृतक दिलखुश के पिता शिबू सहनी गांव से बाहर था. शिबू दुबई जाने के लिये दो दिन पूर्व ही मुंबई चला गया था. गुरुवार को उसे फ्लाइट पकड़ना था, लेकिन बेटे की मौत की खबर सुनकर वे घर के लिए चल दिया है. इससे पूर्व भी चार वर्ष पहले दिलखुश के दादा सत्ताे सहनी की मौत जमीनी विवाद में ही कर दिये जाने की चर्चा की जा रही थी. हालांकि पंचायत द्वारा इसे सलटा लिया गया था.