कमतौल : अहियारी, कमतौल, ढढ़िया, करवा-तरियानी, मस्सा सहित कई पंचायतों में शुक्रवार को मौसम के अचानक करवट बदलने से हल्की बारिश हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया. कहीं बारिश के साथ तो कहीं बारिश से पहले 100 से 500 ग्राम तक के ओले भी गिरे. बेमौसम हुई बारिश से किसानों के चेहरे पर कहीं खुशी कहीं गम, तो ओले गिरने से मायूसी छा गयी है. वैसे गुरुवार से ही मौसम ने करवट बदलना शुरू कर दिया था. धूप-छांव और रह-रह कर तेज हवा के झोंके से मौसम सुहाना हो गया था. शुक्रवार को सुबह से बारिश नहीं हुई पर आसमान में बादल छाए रहे. करीब साढ़े नौ बजे अचानक हवा तेज हो गयी.
कहीं बारिश के साथ ओले तो कहीं बारिश से पहले ही ओले गिरे. दोपहर के बाद धूप खिली रही और मौसम सुहावना बना रहा. तापमान में गिरावट और ठंडी हवा चलने से लोगों को गर्मी से राहत मिली.
बिजली आपूर्ति पर असर : तेज हवा और बारिश के कारण अहल्यास्थान पॉवर सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति करीब दो घण्टे बाधित रही. जैसे ही तेज हवा और बारिश बन्द हुई, कहीं से कोई नुकसान की खबर नहीं मिलने पर शीघ्र ही आपूर्ति बहाल कर दी गयी.
मूंग की फसल के लिए लाभकारी रही वर्षा : तारडीह. क्षेत्र में शुक्रवार को बारिश से खेत-खलिहानों में तैयारी के लिए रखी दलहन एवं तेलहन फसल को बचाने के लिए किसानों को मशक्कत करनी पड़ी. खेतों में लगी गेहूं की बाली के नुकसान के बारे में पूछने पर किसान बुधन मंडल व सत्तन साफी का कहना था कि इस बारिश से नुकसान नहीं हुआ है. अगर ओला गिरता तो गेहूं की फसल प्रभावित होती. मूंग के लिए तैयार खेत को इससे फायदा ही हुआ है. आम की फसल को भी लाभ पहुंचा है. पेड़ में लगे मंजर से मधुआ साफ हो गया है. बीएओ देवेन्द्र कुमार लाल दास ने बताया कि इस हल्की बारिश से किसी भी फसल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है.
ओलावृष्टि से फसल हो गयी बर्बाद
केवटी. प्रखंड मुख्यालय सहित पश्चिमी क्षेत्र के करीब आधा दर्जन पंचायतों में शुक्रवार को करीब सौ ग्राम के ओला गिरे. इससे आम, गेंहू तथा अन्य रबी फसल के अलावा सब्जी की बर्बादी हुई है. वहीं कुछ पचायतों में आंशिक रूप से पांच से 10 ग्राम के ओला गिरने से आम फसल के लिए घातक बताया गया है. जानकारी के मुताबिक प्रखंड के कोठिया, पिंडारूच, शेखपुरदानी, जलवाड़ा, बरियौल, कोयलास्थन तथा असराहा पंचायत में सौ से दो सौ ग्राम तक के ओला गिरने की सूचना है.
नुकसान कम, फायदा अधिक
वैसे इस बारिश से रबी फसल को नुकसान कम, फायदा अधिक होने की बात किसानों द्वारा बताई जा रही है. कुम्हरौली के भोला यादव ने बताया कि गेंहूं की कटनी शुरू हो गयी है. इक्के-दुक्के किसानों ने थ्रेसिंग भी कराना शुरू कर दिया है. खेतों में खड़ी गेंहूं की फसल को कम, काट कर थ्रेसिंग के लिए रखी फसल को भी कम ही नुकसान पहुंचा है, आम और लीची को भी फायदा ही हुआ है, लेकिन सौ-सौ ग्राम का ओला गिरने से ज्यादा नुकसान हुआ है. करीब आधा मंजर टूटकर गिर गए हैं, जिसका असर उत्पादन पर पड़ना तय है.
आम व लीची को 25 फीसदी नुकसान
किसानों ने बारिश को आम, लीची सहित मूंग, उड़द आदि की बुआई के लिए फायदेमंद तथा खेतों में कटनी की प्रतीक्षा में खड़ी और काट कर थ्रेसिंग की प्रतीक्षा में रखी गेंहूं की फसल सहित पिछात दलहन-तेलहन की फसल को नुकसान होने की बात बतायी है. करवा-तरियानी के मुखिया वीणा सिंह, मो. अफजल, ढढ़िया के प्रेम प्रकाश, मस्सा के सहबूब हुसैन के अनुसार ओले से आम-लीची की फसल को करीब 25 प्रतिशत नुकसान हो गया है. अहियारी के किसान पवन कुमार ठाकुर, गोट के अरूण राय, मिर्ज़ापुर के रामचन्द्र यादव, ढढ़िया के छत्तर यादव आदि ने बताया कि इस मौसम में बारिश का होना शुभ माना जाता है. जहां बारिश से आम-लीची सहित रबी फसलों की फायदा पहुंचा है. वहीं बारिश के साथ ओले के पड़ने से इन फसलों को नुकसान भी पहुंचा है.
कट चुके गेहूं को नुकसान, फिर से सुखाने की समस्या
कहीं छिटपुट, तो कहीं जोरदार हुई बारिश
अलीनगर. मॉनसून आने से काफी पहले प्रखंड क्षेत्र में शुक्रवार की सुबह कहीं मामूली तो कहीं जोरदार बारिश हुई. इससे किसानों के चेहरे खिल उठे. प्रखंड के उत्तर व पश्चिम भाग स्थित अधलोआम, लहठा, तुमौल, सुहत एवं मोतीपुर पंचायतों के अधिकांश भाग में तेज बारिश हुई. किसानों का मानना है कि इससे आम तथा मूंग की फसल को फायदा होगा. दलहन, तेलहन एवं गेहूं की कट चुकी फसल को तैयार करने में परेशानी होगी.