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आय दोगुनी करने को किसानों को करनी होगी वैकल्पिक खेती

दरभंगा : कृषि को मजबूत बनाकर ही देश की अर्थव्यवस्था में सुधार किया जा सकता है. सरकार द्वारा किसानों के लिये बहुत से कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, लेकिन वह किसानों तक नहीं पहुंच पा रहे. इसके लिये सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है. मंगलवार को लक्ष्मीश्वर सिंह पुस्तकालय परिसर में आयोजित प्रभात खबर के कृषि […]

दरभंगा : कृषि को मजबूत बनाकर ही देश की अर्थव्यवस्था में सुधार किया जा सकता है. सरकार द्वारा किसानों के लिये बहुत से कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, लेकिन वह किसानों तक नहीं पहुंच पा रहे. इसके लिये सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है. मंगलवार को लक्ष्मीश्वर सिंह पुस्तकालय परिसर में आयोजित प्रभात खबर के कृषि मेला में संयुक्त कृषि निदेशक मो. नईम अशरफ ने ये बातें कही. उन्होंने कहा कि किसानों को समृद्ध करने के लिये उनको सहयोग करना होगा. इसमें कृषि वैज्ञानिक एवं किसान सलाहकार को आगे आकर किसानों की मदद

करनी होगी.
उन्होंने कहा कि पारंपरिक खेती से किसानों की आय में वृद्धि नहीं हो सकती. इसके लिये उनको वैक्लपिक खेती करनी होगी. इसके अंतर्गत मशरूम की खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन के साथ खेती कर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं. नई तकनीकी से कम लागत में अधिक उपज के बाद ही किसानों की आय मौजूदा से दो गुणा हो सकती है. अभी यहां के किसान पंद्रह से बीस प्रतिशत मशरूम पैदा कर रहे हैं. इसके पैदावार में भविष्य में और वृद्धि होगी. श्री अशरफ ने किसानों के विकास के नजरिये से प्रभात खबर के इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि मीडिया का क्षेत्र बढ़ गया है. अब वह सामाजिक दायित्व का भी निर्वाह कर रहा है. यह कृषि मेला उसीका का प्रमाण है.
आय बढ़ाने के लिए करें मशरूम की खेती: अंसारी
प्रभात खबर की ओर से आयोजित कृषि मेले में आत्मा परियोजना निदेशक शकील अख्तर अंसारी ने कहा कि हर्ष की बात है कि प्रभात खबर ने कृषि मेला का आयोजन किया है. कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है. बिहार राज्य के 80 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में कृषि पर निर्भर हैं. किसान देश की रीढ़ हैं. उनके विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है. भारत सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी में दोगुना वृद्धि करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. कहा कि यहां के किसान वैक्लपिक खेती करने लगे हैं. इसके अंतर्गत यहां के किसान मशरूम की खेती कर अपनी आमदनी को बढ़ाया है. प्रतिदिन करीब 20 किलो मशरूम की खपत हो रही है,
यह किसानों को व्यवसायिक खेती करने के लिये प्रोत्साहित कर रही है. श्री अंसारी ने किसानों को व्यवसायिक खेती करने की अपील की. बाजार आसानी से उपलब्ध हो रहा है. यहां के होटलों में इसकी मांग बढ़ी है. बताया कि मशरूम की खेती को राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया जायेगा. इसी कड़ी में 11 मार्च को केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजू प्रसाद बिरौल में आयोजित मशरूम पर परिचर्चा मशरूम पर मे भाग लेंगें. पटना के गांधी मैदान में इंटरनेश्नल एग्री मेला का आयोजन किया जायेगा. इसमें विदेशों से आये कृषि विशेषज्ञ कृषि से संबंधित नये तकनीकों के बारे में किसानों को जानकारी देंगें.

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