दरभंगा : पृथ्वी पर चिकित्सक को भगवान का दर्जा दिया गया है. कारण इलाज के दौरान मरीजों के परिजन के बजाय उसके सबसे नजदीक चिकित्सक ही रहते हैं. उपचार कर भगवान की भांति उसको नवजीवन देते हैं. ये बातें डीएमसी स्थापना दिवस पर पटना उच्च न्यायालय के जज अश्विनी कुमार सिंह ने कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही उन्होंने कहा कि इसके अलावा मरीज एवं चिकित्सक के बीच का रिश्ता विश्वास पर ही टिका होता है, लेकिन आज के दौर में दोनों के बीच विश्वास के रिश्ते की कड़ी कमजोर पड़ती जा रही है.
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डाॅक्टरों व मरीजों में विश्वास की कड़ी को करें मजबूत जुटे पूर्ववर्ती छात्र
दरभंगा : पृथ्वी पर चिकित्सक को भगवान का दर्जा दिया गया है. कारण इलाज के दौरान मरीजों के परिजन के बजाय उसके सबसे नजदीक चिकित्सक ही रहते हैं. उपचार कर भगवान की भांति उसको नवजीवन देते हैं. ये बातें डीएमसी स्थापना दिवस पर पटना उच्च न्यायालय के जज अश्विनी कुमार सिंह ने कार्यक्रम के उद्घाटन […]
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को सरकारी अस्पतालों में सुविधा नहीं मिल पाती हैं.
बावजूद दूर-दराज से आये गरीब मरीजों की चिकित्सा करते हैं, यह प्रशंसनीय है. चिकित्सकों से उन्होंने अच्छी चिकित्सा सेवा देने की अपील की. मौके पर बोलते हुये यूनिसेफ के तहत बिहार में कार्य करने वाले जिम्बाबवे के विलियम नमो ने चिकित्सा व्यवस्था में सुधार की बात कही. कहा कि प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सकों को भी इसमें सरकार की मदद करनी चाहिए. प्राचार्य डॉ आरके सिन्हा ने कहा कि अस्पताल की सबसे बड़ी समस्या जलजमाव की है.
इस दिशा में काम चल रहा है. इसको जल्द ही दूर कर लिया जायेगा.
डॉ रमण कुमार वर्मा ने स्वागत करते हुए कहा कि कॉलेज के स्थापना दिवस पुराने दोस्तों को एक मंच देता है, जहां सभी एकत्र होते हैं. यहां अमेरिका इंगलैंड, नेपाल श्रीलंका से आये पुराने चिकित्सक शिरकत करते हैं. जेडीए ने कॉलेज के अंतर्गत कई नयी सोसाइटी गठन का प्रस्ताव प्राचार्य के पास रखी. डॉ यूपी सिंह ने सरकार से यहां की भी सुविधा बढ़ाने की मांग की.
इससे पूर्व कॉलेज परिसर में झंडोत्तोलन किया गया. पूर्ववती छात्रों, शिक्षकों एवं मेडिकल छात्रों ने मार्च मास्ट निकाला. इसके बाद महराजा रामेश्वर सिंह के चित्र पर अतिथियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गयी. 75 वर्ष से उपर के बुजुर्ग मेडिकल चिकित्सकों को सम्मानित किया गया. इसके बाद सांइटिफिक सेशन में दिवंगत चिकित्सक केडी अरोड़ा को याद किया गया.
इसमें अमेरिका से आयी चिकित्सक डॉ सुनीता शरण ने स्टेम शेल एवं यूनिसेफ के डॉ एसएस रेड्डी ने लिंगानुपात के आधार पर नवजात के वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की. उद्घाटन के पश्चात शाम में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. दर्शकों ने खूब आनंद उठाया. इसके अंतर्गत गायन, नृत्य, नुक्कड़ नाटक सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये गये.
डीएमसी स्थापना दिवस का उद्घाटन करते उच्च न्यायालय के जज अश्विनी कुमार सिंह, यूनिसेफ के विलियम नमो, कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरके सिन्हा.
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