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मरीजों की संख्या हुई आधी

दरभंगा : पिछले कई दिनों से बह रही बर्फीली पछुआ हवा ने लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह बदल कर रख दिया है. लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे. इसका असर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र से जुड़े पहलुओं पर है. लिहाजा इसका प्रभाव डीएमसीएच पर पड़ा है. यहां पहुंचनेवाले रोगियों की संख्या में […]

दरभंगा : पिछले कई दिनों से बह रही बर्फीली पछुआ हवा ने लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह बदल कर रख दिया है. लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे. इसका असर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र से जुड़े पहलुओं पर है. लिहाजा इसका प्रभाव डीएमसीएच पर पड़ा है. यहां पहुंचनेवाले रोगियों की संख्या में काफी कमी आ गयी है. इस मौसम में बीमार होने पर लोग नजदीकी चिकित्सकों से ही इलाज करवाते हैं. डीएमसीएच में मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की अपेक्षा काफी कम गयी है.

बता दें कि यहां चिकित्सा कराने के लिए निकटवर्ती जिला के अलावा नेपाल के तराई क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. सामान्य दिनों में अस्पताल के ओपीडी में इलाज कराने के लिए मरीजों की लंबी कतार लगी रहती है. अन्य दिनों में ओपीडी परिसर मरीजों एवं उनके साथ आये परिजनों से खचाखच भरा रहता है. निबंधन काउंटर के सामने पर्ची कटाने के लिए भीड़ लगी रहती है. इस भीड़ को कंट्रोल करने के लिए गार्ड तैनात रहते हैं. इलाज कराने के लिए लोग सुबह से ही लाइन में खड़े रहते हैं. कई घंटे खड़े रहने के बाद उनकी बारी आ पाती है. यह दृश्य इन दिनों नजर नहीं आ रहा है.
ओपीडी का
दैनिक आंकड़ा
25 दिसंबर17: अवकाश था
26 दिसंबर17: 2042 मरीज
27 दिसंबर17: 1451
28 दिसंबर17: 1436
29 दिसंबर: 1338
30 दिसंबर17: 1091
31 दिसंबर17: रविवार था
1 जनवरी18: 192
2 जनवरी18: 115
3 जनवरी18: 1107
4 जनवरी18: 1248
5 जनवरी18: 1046
6 जनवरी18: 737
ओपीडी में घटे मरीज
सामान्य दिनों में ओपीडी में दो हजार से अधिक मरीज चिकित्सा करने पहुंचते हैं. इस विकराल मौसम में मरीजों की संख्या सिमट कर सात सौ से एक हजार के बीच रह गयी है. पिछले वर्ष 2017 में तीन अक्तूबर को मरीजों की संख्या 2776 के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गयी थी. इस वर्ष एक, दो एवं तीन जनवरी को मरीजों की संख्या डेढ़ सौ के अंदर ही रही. वहीं शनिवार को ठंड के कारण केवल 737 मरीज ही इलाज के लिए डीएमसीएच के ओपीडी पहुंचे.
आग से झुलसे मरीजों
की संख्या बढ़ी
सामान्य दिनों में इमरजेंसी में आग से झुलसे मरीजों की संख्या इक्का-दुक्का रहती है. वहीं इस मौसम में आग से झुलसे लोगों की संख्या काफी बढ़ गयी है. रोजाना दर्जन भर से ज्यादा मरीज आग से झुलने के कारण गंभीर अवस्था में विभिन्न जगहों से यहां पहुंच रहे हैं. इन दिनों लोगों का सहारा अलाव रह गया है. लिहाजा अलाव सेंकने के दौरान लोग बुरी तरह झुलस जाते हैं.
चील बलेंस के रोगियों की संख्या बढ़ी: ठंड के मौसम में चर्म रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. खासकर महिलाओं में चिल बलेेंस नामक चर्म रोग हो जाता है. यह रोग उन महिलाओं को ज्यादा होता है जो पानी के संपर्क में ज्यादा रहती हैं. रोजाना इस रोग से ग्रसित करीब 100 मरीज पहुंच रहे हैं. अन्य स्किन रोग से भी ग्रसित रोगियों की संख्या बढ़ी है.

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