बहादुरपुर : पतोर ओपी की उघरा पंचायत के नोनिया टोल में लालटुन महतो की पत्नी प्रमिला देवी सुबह छह बजे चाय बना रही थी. चाय बनाने के लिए चूल्हे पर बर्तन में पानी चढ़ा कर बगल की दुकान से वह चायपत्ती लाने चली गई. इसी बीच दरबाजे पर खेल रहा पुत्र प्रकाश महतो आंगन में गया. चुल्हे पर पानी खौलते देख उसे लगा कि मां इसमें चायपत्ती डालना भूल गयी. प्रकाश घर में चायपत्ती खोजने लगा. कागज की पुरिया में घर में रखी कीटनाशी दवा को चायपत्ती समझ उसने खौलते पानी में डाल दिया. मां चायपति लेकर आए तो देखी की चाय बनकर तैयार हो गया है.
खरीद कर लायी गयी चायपत्ती में से कुछ पत्ती निकाल कर उसे पानी में डाल चाय छानकर सभी लोगों को परोस दी. लालटुन महतो के समधी मनीगाछी थाना क्षेत्र के महथौर गांव निवासी प्रभु महतो ने जैसे ही घूंट भरी उन्हें बदबू आयी. उन्होंने चाय नहीं पी. जब तक वे इसकी जानकारी देते तब तक परिवार के अन्य सदस्य चाय पी चुके थे.
चाय पीते ही सभी की तबीयत खराब होने लगी. लालटुन की नतनी पांच वर्षीय अर्चना कुमारी तथा 11 वर्षीय पुत्र प्रकाश महतो बेहोश होकर गिर गया. लोग दोनों को ग्रामीण चिकित्सक के यहां ले गये. बच्चे के मुंह से झाग और उल्टियां आनी शुरू हो चुकी थी. डीएमसीएच ले जाने को जब तक गाड़ी मंगाई गयी तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी.
इसी बीच दुखा महतो (70) तथा रामस्वरूप महतो को उल्टी शुरू हो गयी. दोनों को इलाज के लिए डीएमसीएच ले जाया गया. रास्ते में ही दुखा महतो की मौत हो गई. वहीं डीएमसीएच में इलाज के दौरान रामस्वरूप महतो की मौत हो गई. लालटुन महतो की पत्नी प्रमिला देवी तथा समधी प्रभु महतो का इलाज डीएमसीएच में चल रहा है.