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कार्यक्रम:रोल ऑफ आइसीटी फॉर रीचिंग टू अनरीच्ड पर सेमिनार, आइसीटी से ग्रामीणों को जोड़ें
दरभंगा : कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव डॉ अक्षय कुमार नायक ने कहा कि भारत को आइटी क्षेत्र में सुपर पावर बनाना आसान नहीं है. भारत की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित है. इसमें उच्च शिक्षा से लैस लोगों की संख्या काफी कम है. यहां 22 संवैधानिक भाषाएं एवं 880 क्षेत्रीय […]
दरभंगा : कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव डॉ अक्षय कुमार नायक ने कहा कि भारत को आइटी क्षेत्र में सुपर पावर बनाना आसान नहीं है. भारत की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित है.
इसमें उच्च शिक्षा से लैस लोगों की संख्या काफी कम है. यहां 22 संवैधानिक भाषाएं एवं 880 क्षेत्रीय भाषाएं प्रचलित है. ऐसी परिस्थिति में उन्हें इंफाॅर्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी से जोड़ना चुनौती भरा कदम है. वे शुक्रवार को सीएम साइंस कॉलेज में रोल ऑफ आइसीटी फॉर रीचिंग टू अनरीच्ड विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे.
आयोजन सीएम साइंस कॉलेज एवं कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया पटना चैप्टर ने किया. कहा कि पीएम ने डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया एवं मेकिंग इंडिया से जोड़ने का अभियान चला रखा है. कहा, इसका लाभ अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्हें शिक्षित कर इस क्षेत्र से जोड़ना होगा.
उच्च शिक्षा को आइसीटी से जोड़ कर छात्रों को दें लाभ: लनामिवि के वीसी प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा को आइसीटी से जोड़कर छात्रों को लाभान्वित किये जाने की आवश्यकता है. औपचारिक शिक्षा से वंचित छात्रों को इसका लाभ मिलेगा. कहा कि सकल नामांकन अनुपात दर में पिछड़े बिहार को उबारने में भी आइसीटी की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. प्रधानाचार्य डॉ अरविंद कुमार झा ने अतिथियों का स्वागत किया. भौतिकी विभागाध्यक्ष डॉ एसएन सिंह, वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ संध्या झा, डॉ आरपी सिन्हा, प्रो. श्रीनारायण झा, डॉ सुनीता दास, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ यूके दास, डॉ अजय कुमार ठाकुर एवं आनंद मोहन की अहम भूमिका रही.
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