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1.10 करोड़ गबन के आरोप में जिला प्रबंधक निलंबित

राज्य खाद्य निगम के प्रबंध निदेशक ने की कार्रवाई दरभंगा : राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक प्रमोद कुमार पाठक पर एक करोड़ 10 लाख रुपये गबन का आरोप लगा है. जांच प्रतिवेदन के आधार पर राज्य मुख्यालय के प्रबंधक निदेशक पंकज कुमार ने प्रपत्र जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से श्री पाठक को निलंबित […]

राज्य खाद्य निगम के प्रबंध निदेशक ने की कार्रवाई
दरभंगा : राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक प्रमोद कुमार पाठक पर एक करोड़ 10 लाख रुपये गबन का आरोप लगा है. जांच प्रतिवेदन के आधार पर राज्य मुख्यालय के प्रबंधक निदेशक पंकज कुमार ने प्रपत्र जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से श्री पाठक को निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में श्री पाठक का कार्यकाल जिला प्रबंधक के रूप में शेखपुरा रहेगा. निलंबन की अवधि में जीवन यापन भत्ता के अतिरिक्त उन्हें कोई राशि देय नहीं होगी.
परिवहन अभिकर्ता के नाम पर पैसा उठाया. वित्तीय वर्ष 2011-12 में तत्कालीन परिवहन अभिकर्ता अनिल कुमार सिंह के नाम से समर्पित दो करोड़ अट्ठासी लाख 20 हजार 691 रुपये परिवहन सह हथालन की राशि की मांग जिला प्रबंधक श्री पाठक ने एसएफसी राज्य मुख्यालय से की थी. इसके एवज में जिला प्रबंधक श्री पाठक को एक करोड़ 10 लाख रुपये उपलब्ध कराया गया. परिवहन अभिकर्ता को यह राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी. परिवहन अभिकर्ता ने प्रबंध निदेशक राज्य मुख्यालय को इसकी जानकारी देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. इसी आलोक में उप प्रमुख अंकेक्षण जफर आलम एवं अंकेक्षण संविदा भीम सिंह ने मामले की जांच कर प्रबंध निदेशक को रिपोर्ट दी.
तैयार किया फेक व त्रूटिपूर्ण विपत्र. जांच प्रतिवेदन में पाया गया कि पूर्व परिवहन अभिकर्ता अनिल कुमार सिंह का वर्ष 2011-12 से संबंधित दो करोड़ अट्ठासी लाख रुपया के त्रुटिपूर्ण व फेक परिवहन विपत्र में से एक करोड़ 10 लाख रुपये का विपत्र जिला प्रबंधक द्वारा पारित किया गया. 18 सौ 96 ट्रक का चालान एवं रिलीज आॅर्डर सहित एम फॉर्म मिसिंग पाया गया. विपत्र पर परिवहन अभिकर्ता का हस्ताक्षर नहीं था.
ट्रक चालान में छेड़छाड़ कर व्हाइटनर लगा कर अनाज की वास्तविक मात्रा को छुपाया गया था. कुल 727. 37 क्विंटल खाद्यान्न परिवहन अभिकर्ता द्वारा गोदाम को आपूर्ति नहीं की गयी थी. जांचकर्ता ने आश्चर्य जताया कि एक और श्री पाठक द्वारा 24 अप्रैल 17 को एक करोड़ 10 लाख रुपये का परिवहन विपत्र पारित कर निगम मुख्यालय से राशि की मांग की गयी. वहीं 25 अप्रैल 17 को श्री पाठक पत्रांक 847 द्वारा अनिल कुमार सिंह पूर्व परिवहन अभिकर्ता को पत्र देकर सूचित कर रहे हैं कि उनके द्वारा समर्पित परिवहन विपत्र में भारतीय खाद्य निगम का रिलीज आर्डर एवं एम फॉर्म तथा अधिकांश ट्रक चालक मिसिंग रहने के कारण विपत्र पारित नहीं किया जा सकता है.
स्पष्टीकरण का नहीं दिया गया संतोषजनक जवाब : प्रबंध निदेशक. खाद्य निगम के प्रबंध निदेशक एसएफसी पंकज कुमार ने बताया कि श्री पाठक से आरोपों के बाबत साक्ष्य के साथ स्पष्टीकरण मांगा गया था. मुख्यालय के पत्रांक 8324 दिनांक 21 अगस्त 17 एवं पत्रांक 8702 दिनांक 30 अगस्त 17 के आधार पर पूछे गये स्पष्टीकरण का जवाब श्री पाठक द्वारा चार सितंबर 17 को दिया गया. जवाब असंतोषजनक एवं साक्ष्यविहीन था. इसी आधार पर यह कार्रवाई की गयी है.
मिलर संघ ने मिठाई बांट जतायी खुशी. श्री पाठक के निलंबन की खबर से राइस मिलर संघ के अध्यक्ष सह मिथिला राइस मिल के मालिक संजय कुमार झा ने अन्य राइस मिलरों के साथ औद्योगिक प्रांगण परिसर में ख़ुशी मनाते हुए मिठाइयां बांटीं. अध्यक्ष श्री झा ने बताया कि श्री पाठक इससे पूर्व भी कैमूर में गबन के आरोप में निलंबित हो चुके हैं. इन पर कैमूर जिले 43 करोड़ रुपया गबन का मामला चल रहा है. राइस मिलों के भौतिक सत्यापन के नाम पर मोटी उगाही की गयी थी. प्रबंधक श्री पाठक के पदस्थापित विभिन्न जगहों पर किये गये कार्यों की जांच की जाये, तो और कई मामले प्रकाश में आ सकते हैं.
साजिश के तहत फंसाया जा रहा : पाठक
श्री पाठक का कहना है कि काली सूची में डाले गये करोड़ों रुपये गबन के आरोपित राइस मिलरों का मामला प्रकाश में लाये जाने के कारण उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. वित्तीय वर्ष 2011- 12 के तत्कालीन परिवहन अभिकर्ता अनिल कुमार सिंह द्वारा एक करोड़ 10 लाख रुपये गबन का आरोप लगाया जाना जांच का विषय है.

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