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एक माह बैक चल रहा है अनाज का वितरण
चाकुलिया : चाकुलिया में अप्रैल माह के चावल की कालाबाजारी के कारण जन वितरण व्यवस्था के तहत गरीबों के चावल का वितरण एक माह पीछे चल रहा है. इससे एक माह के चावल से गरीब वंचित हैं. फिलहाल डीलरों द्वारा अगस्त माह के चावल का उठाव किया गया है, मगर जुलाई माह के चावल का […]
चाकुलिया : चाकुलिया में अप्रैल माह के चावल की कालाबाजारी के कारण जन वितरण व्यवस्था के तहत गरीबों के चावल का वितरण एक माह पीछे चल रहा है.
इससे एक माह के चावल से गरीब वंचित हैं. फिलहाल डीलरों द्वारा अगस्त माह के चावल का उठाव किया गया है, मगर जुलाई माह के चावल का वितरण नहीं हुआ है. अगस्त में चावल वितरण कर जुलाई में इंट्री करने की तैयारी है. कई गांवों से खबर आ रही है कि डीलर ने एक माह का चावल देकर दो माह में इंट्री की है. जोरडीहा में कार्डधारियों ने यह आरोप लगाया. सूत्रों के मुताबिक माह अप्रैल के अंतिम सप्ताह में एसएफसी द्वारा डीलरों को उक्त माह को खाद्यान्न देना दर्शाया गया.
उक्त माह के खाद्यान्न को कालाबाजार में बेच दिया गया. इसको लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं तथा कार्डधारियों ने बवाल भी किया. कार्डधारियों ने सवाल उठाया कि एसएफसी गोदाम से किन वाहनों से अनाज भेजवाया गया और उन वाहनों का वजन किस धर्म कांटा पर हुआ है, यह जांच का विषय है.
इधर, मई का खाद्यान्न माह के प्रारंभ में ही डीलरों की दुकान में भेजवा दिया गया. डीलरों ने मई माह का खाद्यान वितरण कर अप्रैल माह में इंट्री की. इसके बाद जून के खाद्यान्न को मई में, जुलाई के खाद्यान की जून में इंट्री की गयी. इसके कारण जुलाई के खाद्यान्न का वितरण नहीं हुआ. यही कारण है कि क्षेत्र में कार्डधारी दो माह के अनाज का वितरण नहीं होने का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीण इलाके के कार्डधारियों के कार्ड में माह जुलाई और अगस्त का कॉलम खाली है. कार्डधारी कहते हैं कि उन्हें उक्त दो माह का खाद्यान्न नहीं मिला है.
इस मसले पर प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक सह प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी उमेश यादव का कहना है कि बात ऐसी नहीं है. खाद्यान का वितरण नियमित रूप से हुआ है. माह अप्रैल के चावल की कालाबाजारी का आरोप निराधार है.
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