सदर : बाढ़ एक संकट है. इसके लिये 70 वर्ष पूर्व ही अंग्रेजों ने रिलीफ कोड का निर्माण किया था. इस आपदा के लिये राहत कोष बनाया जा चुका है. एनएच पर कंसी काली मंदिर के पास माकपा, खेमस व किसान सभा के संयुक्त तत्वावधान में बाढ़ राहत की मांग को लेकर चलाये जा रहे […]
सदर : बाढ़ एक संकट है. इसके लिये 70 वर्ष पूर्व ही अंग्रेजों ने रिलीफ कोड का निर्माण किया था. इस आपदा के लिये राहत कोष बनाया जा चुका है. एनएच पर कंसी काली मंदिर के पास माकपा, खेमस व किसान सभा के संयुक्त तत्वावधान में बाढ़ राहत की मांग को लेकर चलाये जा रहे अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन के मौके पर आयोजित राज्य कमिटि सदस्य सोने लाल ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि जिले में बाढ़ आयी. सड़कें टूटी. आवागमन बाधित हुआ. सभी प्रभावित हुए.
तब कैसे जिला के पदाधिकारी इसे आंशिक रूप से प्रभावित बता रहे हैं.
मौके पर माकपा के जिला सचिव अविनाश कुमार ठाकुर ने कहा कि विनाशकारी बाढ़ की विभीषिका से जिला के आमजन कराह रहे हैं. अभीतक कोई सरकारी सहायता नहीं दी जा रही है. कहीं भी नाव की व्यवस्था नहीं है. पीड़ितों को भोजन व अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं करायी गयी है. खेमस के जिला सचिव दिलीप भगत ने जिले में हजारों की संख्या में धाराशायी हुए घरों को प्रधानमंत्री आवास योजना से मकान बनाये जाने की मांग की. श्याम भारती ने कहा कि प्रशासन बाढ़ पूर्व तैयारी का दिखवा करता है.
अभीतक सूखा राहत एवं नाव तक मुहैया नहीं कराये जा रही है. वे इस आंदोलन को तेज करने एवं एक सितम्बर को एनएच जाम करने की घोषणा मौके पर की. सभा को पूर्व सरपंच कामेश्वर भगत, ओम प्रकाश सिंह, विनोद सहनी, देवशरण पासवान, सुरेंद्र साह, सुजीत कुमार झा, मो. गुलाब, किसुन भगत, उप मुखिया रामविलास महतो, मो. ओवैस, गुड्डु झा, विनोद साह, जक्कू हजाम आदि ने भी संबोधित किया.