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अपन पाइ भेट जाइत त किनतहुं नोन आ तीमन

तारडीह : अपनो पाइ अखन भेट जाईत त नोन तीमन कीनतहुं. एकटा आस रहैत छल. अपनो भैटय बला पाय छल सेहो नै भेट रहल अछि. हमरा अपने पेंशन बला पाइ दिया दिय. हम सब कहुना दिन काटि लेब. नइ चाही सरकार के राहत यो बाबू. बाढ प्रभावित पंचायत कुर्सों-मछैता पंचायत की महिलाओं का यह दर्द […]

तारडीह : अपनो पाइ अखन भेट जाईत त नोन तीमन कीनतहुं. एकटा आस रहैत छल. अपनो भैटय बला पाय छल सेहो नै भेट रहल अछि. हमरा अपने पेंशन बला पाइ दिया दिय. हम सब कहुना दिन काटि लेब. नइ चाही सरकार के राहत यो बाबू. बाढ प्रभावित पंचायत कुर्सों-मछैता पंचायत की महिलाओं का यह दर्द है. बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि उन्हें सरकारी बाढ राहत नहीं चाहिए. उनके पेंशन का पैसा ही सरकार दे दे. महिलाओं को दो साल से पेंशन नहीं मिल रहा है.

उच्च विद्यालय मछैता में पंचायत सेवक द्वारा राहत कार्य को ले जब बैठक बुलायी गई तो ये महिलाएं वहां पहुंच गयी. सभी का कहना था कि बस अपना ही मिलने वाला पेंशन मिल जाय. यही व्यवस्था लगा दीजिये. इन महिलाओं का आसरा पेंशन ही रहता है. सुदामा देवी का कहना था कि ब्लाक जाकर पूछते हैं तो पता चलता है पैसा आ गया है.

पर मिलता कहां है. भुल्ली देवी बताती हैं कि बैंक का रोज चक्कर इस पानी तथा तेज धूप में लगाती हूं. वहां कहा जाता है कि बीसी सेंटर पर मिलिये. राम देवी बताती हैं कि जब हमलोग बीसी सेन्टर पर जाते हैं तो वहां कहा जाता है कि लेन- देन का काम अभी बैंक ने बंद कर दिया है.

दिया दिअ हमरे पेंशन वाला पैसा
नइ चाही सरकारी राहत यो बाबू
छलक उठा बुजुर्ग महिलाओं का दर्द
दो साल से नहीं मिल रहा पेंशन
बाढ़ ने स्थिति को और किया बेहाल
अपना पैसा रहते खा रही दर-दर की ठोकर
समीरा खातुन कहती हैं कि अपना पैसे रहते भी दर- दर की ठोकर खानी पड रही है. सुमनी देवी कहती हैं कि कोई उन्हें पेंशन का पैसा दिला दे. इससे बडी राहत मिल जाएगी. बुजूर्ग महिलाओं का कहना था कि इस विपदा के समय भी बैंक के अधिकारी नहीं सुन रहे. प्रशासन भी कोई रास्ता नहीं निकाल रहा. इस संबंध में जब यूबीजीबी शाखा से जुड़े बीसी सेंटर से पता करने पर बताया गया कि पास बुक से लेना- देना बंद है. प्रमुख अनुरानी देवी ने बताया कि परेशानी को ले अधिकारियों से बात की गयी है.

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