तैयारी. गर्मी बढ़ने के साथ ही लोगों को डराने लगी पछुआ हवा
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फायर ब्रिगेड के भरोसे नहीं बुझ पायेगी आग!
तैयारी. गर्मी बढ़ने के साथ ही लोगों को डराने लगी पछुआ हवा बेतिया : आग लगने की घटनाएं शुरू हो गयी हैं. खेतों में लहलहा रही गेहूं की फसलों पर आग लगने का खतरा बढ़ गया है. लेकिन, जिला प्रशासन ऐसे हादसों से निपटने के लिए अभी तक तैयार नहीं दिख रहा है. अगलगी से […]
बेतिया : आग लगने की घटनाएं शुरू हो गयी हैं. खेतों में लहलहा रही गेहूं की फसलों पर आग लगने का खतरा बढ़ गया है. लेकिन, जिला प्रशासन ऐसे हादसों से निपटने के लिए अभी तक तैयार नहीं दिख रहा है.
अगलगी से बचाव के प्लान भी नहीं बनाये जा सके हैं. आग लगने के सीजन आने के बाद भी अग्निशमन विभाग ने कोई तैयारी नहीं की है. हालात यह है कि फायर विभाग के पांच बड़े वाहनों में दो कबाड़ हो चुके हैं. तीन चालू हालत में हैं. छोटी गाड़ी भी खराब पड़ी है. गाडि़यों में पानी भरने के लिए भी फायर विभाग के पास कोई इंतजाम नहीं है. संसाधनों के अलावे मैन पॉवर की भी विभाग में कमी है. आधे से अधिक पद रिक्त हैं.
यह हाल तब है, जब बीते दस दिनों में अगलगी के करीब दर्जन भर मामले सामने आ चुके हैं. सुदूर इलाकाें की कौन कहे 24 फरवरी की रात शहर के मीना बाजार विश्वामित्र मार्केट में लगी आग में आठ दुकानें व गोदाम जल कर राख हो गये. 50 लाख की क्षति हो गई. इसके अलावे नौतन के धूमनगर में लगी आग में एक वृद्ध की झुलस कर मौत हो गयी. बैरिया में भी अगलगी के कई मामले सामने आये. गौरतलब हो कि वर्ष में लगभग तीन माह ऐसे जरूर होते हैं जब गरीबों की हजारों झोंपड़ियां जल जाती हैं, कई मानव व पशुओं की मौत हो जाती है और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान होता है. इसे रोका तो फिलहाल नहीं जा सकता, लेकिन ऐसी घटनाओं से होनेवाले नुकसान में कमी जरूर लायी जा सकती है.
पीएचइडी के भरोसे पानी का इंतजाम: अग्निशमन विभाग की स्थापना के कई दशक हो चुके हैं, लेकिन सरकार द्वारा विभाग को अभी तक बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया नहीं करायी जा सकी हैं.
फायर बिग्रेड विभाग के टैंकर पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. इसके कारण राहत कार्य में विभाग स्वयं को अक्षम मान रहा है. विभाग के अधिकारी ने बताया कि पीएचइडी की टंकी से पानी भरने की व्यवस्था है़
अगलगी की घटनाओं के तीन वर्ष के आंकड़े
वर्ष अगलगी मवेशी मरे मानव मृत्यु झुलसे
2014 126 52 03 09
2015 053 09 02 00
2016 150 112 03 01
होमगार्ड जवानों के जिम्मे रेस्क्यू
आग लगने पर रेस्क्यू का कार्य होमगार्डों के जिम्मे होता है. ऐसा इसलिए है कि क्योंकि फायर विभाग में फायर मैने के कई पद खाली पड़े हैं. लिहाजा विभाग होमगार्ड के जवानों से फायर मैने का कार्य लेता है.
कोट उपलब्ध संसाधनों में ही बेहतर करने की कोशिश होती है ़ जहां से अगलगी की सूचनायें आतीं हैं वहां तुरंत रेस्क्यू टीम को भेजा जाता है़ आमजनों की जागरुकता भी इसमें बेहद जरूरी है़ जिससे अगलगी पर रोकथाम लग सकती है़
कृष्णा प्रसाद सिंह, फॉयर ऑफिसर
दस दिनों में बेतिया में आग लगने की हुईं एक दर्जन घटनाएं
विश्वामित्र मार्केट में आग से हुई 50 लाख की क्षति
कर्मियों की स्थिति
पद सृजित पद तैनाती
अग्निक 12 10
प्रधान अग्निक 04 01
चालक 05 02
पांच में से दो फायर ब्रिगेड खराब
अग्निशामक विभाग द्वारा तो जिला को फायर बिग्रेड की पांच गाड़ियां मुहैया करायी गयी थीं, जो समय के साथ तकनीकी खराबी के वजह से कम होती गयी. अभी विभाग के पास सिर्फ तीन बड़ी व एक छोटी गाड़ी उपलब्ध है. लिहाजा एक समय में एक से अधिक जगह आग लगने पर विभाग में अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है. जिले के 315 पंचायत एवं 39 शहरी वार्डों में राहत के नाम पर ये टैंकर सिर्फ खानापूर्ति ही कर पाते हैं.
योगापट्टी, बैरिया व मझौलिया में भी आग से हुआ काफी नुकसान
नौतन में आग में जल कर वृद्ध की मौत
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