मामला नगर परिषद बेतिया में 49 लाख के शौचालय घोटाला का
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विभाग ने माना दोषी हाइकोर्ट ने पूर्व सभापति को दी थी राहत
मामला नगर परिषद बेतिया में 49 लाख के शौचालय घोटाला का पूर्व सभापति पर संचिका से छेड़छाड़ व दायित्वों की उपेक्षा का दोष प्रमाणित बेतिया : नगर परिषद एक फिर से सुर्खियों में आ गया है. इसके चर्चित शौचालय घोटाले का मामला में पूर्व सभापति जनक साह को हाइकोर्ट से मिली राहत रास नहीं आया. […]
पूर्व सभापति पर संचिका से छेड़छाड़ व दायित्वों की उपेक्षा का दोष प्रमाणित
बेतिया : नगर परिषद एक फिर से सुर्खियों में आ गया है. इसके चर्चित शौचालय घोटाले का मामला में पूर्व सभापति जनक साह को हाइकोर्ट से मिली राहत रास नहीं आया. नगर विकास विभाग ने इस मामले में हाइकोर्ट के निर्देश पर सुनवाई की है और इसमें पूर्व सभापति जनक साह को दोषी माना है.
विभाग का कहना है कि पूर्व सभापति की भूमिका संचिका से छेड़छाड़ में संदिग्ध पायी गयी है. कर्त्तव्यों के निवर्हन में अनियमितता बरती गयी है. इससे साबित हो गया है कि पूर्व सभापति ने अपने दायित्वों का निवर्हन सही ढंग से नहीं किया है. इनको इनके पद से पूर्व में बर्खास्त करने की विभाग के निर्णय को नगर विकास एवं आवास विभाग के चैतन्य प्रसाद ने सही माना है. यहां बता दें कि हाईकोर्ट के निर्देश पर पूर्व सभापति जनक साह,
सभापति अनिश अख्तर सहित एक दर्जन वार्ड पार्षदों को अपना पक्ष प्रधान सचिव नगर विकास के यहां प्रस्तुत करना था. जिसकी सुनवाई प्रधान सचिव ने सुनवाई की. इस दौरान पूर्व नप सभापति जनक साह के प्रस्तुत साक्ष्यों को संदिग्ध माना. साथ ही उनके पद से हटाने के विभाग के पूर्व में की गयी कार्रवाई को जायज ठहराया है.
सुनवाई के दौरान ये थे उपस्थित
नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव के सुनवाई के दौरान पूर्व नप सभापति जनक साह, सभापति अनिश अख्तर, पूर्व नप सभापति के अधिवक्ता अशोक कुमार गुप्ता, सभापति के अधिवक्ता जगजीत रौशन, वार्ड पार्षद म. हसनैन, केशव राज, हरेंद्र प्रसाद, राजेंद्र यादव, पारस राम, शकीला खातून, उर्मिला देवी, मो. कलाम, सूर्यकांत मिश्र आदि मौजूद थे.
कमला देवी आदि मौजूद रहे.
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