अनियमितता. क्रय पंजी व वाउचर पर हस्ताक्षर के एवज में प्रति केंद्र 1300 रुपये की वसूली
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आंगनबाड़ी केंद्रों से हर माह आता है 39 लाख, तय है अफसरों का कमीशन!
अनियमितता. क्रय पंजी व वाउचर पर हस्ताक्षर के एवज में प्रति केंद्र 1300 रुपये की वसूली आइसीडीएस में रिश्वतखोरी का खेल खुलेआम चलता है़ नौनिहालों की शिक्षा पर जोर देने के बजाय िवभागीय अधिकारी से लेकर नीचे तक हर माह 39 लाख रुपये वसूला जाता है़ सीडीपीओ के पकड़े जाने के बाद इसमें शामिल अफसरों […]
आइसीडीएस में रिश्वतखोरी का खेल खुलेआम चलता है़ नौनिहालों की शिक्षा पर जोर देने के बजाय िवभागीय अधिकारी से लेकर नीचे तक हर माह 39 लाख रुपये वसूला जाता है़ सीडीपीओ के पकड़े जाने के बाद इसमें शामिल अफसरों की नींद उड़ गयी है़
बेतिया : नौनिहालों की प्रारंभिक शिक्षा व उनके पोषण का ख्याल रखने के लिए संचालित की जा रही आंगनबाड़ी केंद्रों से रिश्वतखोरी का बड़ा भंडाफोड़ हुआ है़ इन केंद्रों से एक या दो लाख नहीं बल्कि महीने में कुल 39 लाख 46 हजार रुपये की वसूली बतौर घूस की जाती है. इस रकम में नीचे से ऊपर तक के अफसरों को मासिक कमीशन बंधा हुआ है. इतना ही नहीं वसूली के इस पैसे में से राजनेता, जनप्रतिनिधि व सफेदपोश का भी हिस्सा तय है़ लिहाजा भ्रष्टाचार में डूबे इस विभाग के खिलाफ कार्रवाई होती ही नहीं है.
अब नौतन सीडीपीओ प्रमिला कुमारी की गिरफ्तारी के बाद आइसीडीएस के अफसरों की नींद उड़ गई है. खुलासा हुआ है कि सीडीपीओ ने जो भी रकम सेविका से लिये हैं, उसमें सभी का कमीशन तय है़ यह भी भंडाफोड़ हुआ है कि कमीशनबाजी व रिश्वतखोरी का यह खेल पूरे जिले के सभी प्रखंडों में चल रहा है़
जहां आंगनबाड़ी केंद्रों के क्रय पंजी, भाऊचर व अन्य दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के एवज में पैसे लिये जाते हैं. फिर इन पैसों का बंटवारा होता है़ विभागीय अफसर, क्लर्क, स्थानीय जनप्रतिनिधि, तथाकथित पत्रकार सभी के तय हिस्से उन्हें हर माह भेजवा दिये जाते हैं. हद तो यह है कि भ्रष्टाचार का यह खेल सालों से चलता आ रहा है और यह खेल किसी से छिपा नहीं है़ बावजूद इसके आज तक इस मामले की कोई जांच नहीं की गई है़ न ही किसी जनप्रतिनिधि ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत ही की. लिहाज आंगनबाड़ी केंद्रों से वसूली का यह धंधा परवान पर है़ अफसर इसे सेफ इसलिए मानते हैं कि क्योंकि इस लूट में सभी का हिस्सा जो तय है़
ऐसे करते हैं रिश्वतखोरी
बाल विकास परियोजना के तहत जिले में स्वीकृत 3486 आंगनबाड़ी केंद्रों में 3036 केंद्र चलते हैं, जहां पर तैनात सेविका को प्रति माह पुष्टाहार व टीएचआर के मद में 15 हजार पांच सौ रुपये विभाग की ओर से मिलती है़ इस रकम को पाने के लिए सेविका को क्रय पंजी, भाऊचर व अन्य दस्तावेज संबंधित प्रखंड के बाल विकास परियोजना कार्यालयों में प्रस्तुत करना होता है़
जहां सीडीपीओ के हस्ताक्षर होने के बाद यह रकम सेविका को भुगतान किया जाता है़ एक सीडीपीओ ने ‘प्रभात पड़ताल’ में नाम न छापने के शर्त पर स्वीकार किया कि एक केंद्र से 1300 रुपये क्रय पंजी व भाऊचर पर हस्ताक्षर करने के नाम पर लिये जाते हैं. नतीजा 3036 केंद्रों से कुल 39 लाख 46 हजार 800 रुपये लिये जाते हैं.
तीन दिन पहले सस्पेंड हुई थीं रामनगर सीडीपीओ
आइसीडीएस कार्यालय में भ्रष्टाचार व आंगनबाड़ी केंद्रों से रिश्वतखोरी के इस मामले को बल इसलिए मिलता है क्योंकि तीन दिन पूर्व ही रामनगर सीडीपीओ प्रतिमा वर्मा निलंबित हुई थी़ यह कार्रवाई डीएम की अनुशंसा कर की गई. यहां भी सीडीपीओ पर केंद्रों से अवैध वसूली करने का मामला सामने आया था. इसपर डीएम ने इसकी जांच कराई थी़
आंगनबाडी केंद्र
प्रखंड स्वीकृत संचालित केंद्र
गौनाहा 203 182
मझौलिया 374 285
रामनगर 207 199
बगहा-दो 368 332
नरकटियागंज 292 279
बैरिया 202 157
मैनाटांड 171 143
बेतिया 161 123
चनपटिया 261 252
योगापट्टी 185 179
लौरिया 179 176
मधुबनी 115 104
नौतन 218 171
बगहा-एक 277 225
सिकटा 145 139
निगरानी टीम की गिरफ्त में नौतन सीडीपीओ प्रमिला कुमारी (लाल घेरे में)
भ्रष्टाचार का खेल
जिले में संचालित हैं 3036 आंगनबाड़ी केंद्र, प्रतिमाह सेविका को मिलता है 15,500 रुपये
आंगनबाड़ी केंद्रों से मिलनेवाली राशि में क्लर्क से लेकर अफसर व जनप्रतिनिधि तक का हिस्सा है तय
आइसीडीएस के दर्जनभर अधिकारी व कर्मी हो चुके हैं गिरफ्तार, फिर भी नहीं रुक रही रिश्वतखोरी
घूसखोरी का इन पर लग चुका है दाग
फरवरी 2011: लौरिया आइसीडीएस के प्रधान सहायक अरुण सिंह गिरफ्तार
सितंबर 2012: रामनगर के बीडीओ सह सीडीपीओ ललन साह गिरफ्तार
फरवरी 2013: रामनगर की महिला पर्यवेक्षिका आशा कुमारी गिरफ्तार
बेतिया के आइसीडीएस के प्रधानसहायक
अक्तूबर 2015: बैरिया की महिला पर्यवेक्षिका संध्या शर्मा
नवंबर 2016: नौतन सीडीपीओ प्रमिला कुमारी गिरफ्तार
नवंबर 2016: रामनगर सीडीपीओ प्रतिमा वर्मा निलंबित
नवंबर 2016: रामनगर सीडीपीओ का चालक सुरेश प्रसाद सिंह
बेतिया : निगरानी द्वारा रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार की गयी सीडीपीओ प्रमिला कुमारी को पदस्थापन के बाद से ही विवादों से नाता रहा है. सीडीपीओ कीपदस्थापना वर्ष 2014 मई में नौतन में हुआ. उसके बाद से हीं उनकी कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई. सरकार की ओर से हालही में पंचायत स्तर पर मीनी आंगनवाड़ी केंद्र खोलने का निर्देश आया है. लेकिन सीडीपीओ इन केंद्रों पर बहाली की प्रक्रिया अभी भी लंबित है. दक्षिण तेल्हुआ पंचायत के सपना राय की शिकायत पर इस मामले की जांच भी चल रही है.
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