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अब किसानों को मिलेगी तरक्की

कार्यक्रम. बोले कृषि मंत्री, किसानी में नहीं होगा घाटा किसानों को वैज्ञानिक तकनीक से किसानी का सिखायें गुर चंपारण के किसान देश के किसी भी कोने में बेच सकते हैं उत्पाद बेतिया : केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि किसानी अब घाटे का सौदा नहीं होगा़ किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी़ देहात […]

कार्यक्रम. बोले कृषि मंत्री, किसानी में नहीं होगा घाटा

किसानों को वैज्ञानिक तकनीक से किसानी का सिखायें गुर
चंपारण के किसान देश के किसी भी कोने में बेच सकते हैं उत्पाद
बेतिया : केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि किसानी अब घाटे का सौदा नहीं होगा़ किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी़ देहात संस्थान किसानों को बीज उपलब्ध तो करायेगी ही, उनके उत्पादन के लिए बाजार भी. शनिवार को नगर भवन में देहात संस्था का एप्प को लॉच करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कही़
उन्होंने कहा कि चंपारण के किसान गुणवत्तापूर्ण व उन्नत कृषि की जानकारी एक क्लीक से हासिल कर लेगें. संस्थान की ओर से बीज, फसल की उचित देखरेख व उनके उत्पाद को बेचने के लिए भी सहयोग करेगी़ यह एक पायलट प्रोजेक्ट है़ इस प्रोजेक्ट को विदेशी संस्थान इडीएफ की सहयोग से इस जिला में चलाया जायेगा़
इडीएफ के रूचिका ने उपस्थित लोगों को बताया कि देहात संस्थान चंपारण के किसानों को वैज्ञानिक तकनीक से किसानी की गुर सिखायेगी़ ताकि ज्यादा-से-ज्यादा फसल से उत्पादन प्राप्त किया जा सके. उत्पादन का उचित मूल्य मिल सके बेहतर बाजार उपलब्ध करायेगी़ इस लाभ उठाकर किसान आर्थिक संमृद्धि की ओर बढ़ सकते हैं.
वहीं देहात की उर्वशी ने अपनी संस्थान की ओर से किसानी के लिए किये जा रहे प्रयास की जानकारी दी़ मौके पर सांसद डाॅ संजय जायसवाल, पूर्व मंत्री रेणु देवी, विधायक प्रकाश राय, भाजपा जिलाध्यक्ष संजय कुमार पाण्डेय, गंगा प्रसाद पाण्डेय, शिवेन्द्र शिब्बू, बबुआजी दूबे, आनंद सिंह, रवि सिंह, दीपेन्द्र सर्राफ आदि मौजूद रहे.में काम करना शुरु हुआ.पहले देश नारियल आयातक देश था लेकिन अब निर्यातक देशो कीसूचीमें शामिल हो गया है. देश में राष्ट्रीय मंडी की स्थापना की जा रही है. जहां किसान सीधे अपने उत्पादो को बेच सकेंगे. बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी. लेकिन दुर्भाग्य है कि अभी तक बिहार सरकार ने राष्ट्रीय मंडीमें शामिल होने के लिए कोई पहल नही ं की है.
बिहार सरकार की ओर से नहीं हुई कोई पहल
दीप जला कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते केंद्रीय कृषिमंत्री राधामोहन सिंह ़
केंद्र प्रायोजित कृषि योजनाओं के क्रियान्वयन में बिहार सरकार उदासीन : राधामोहन
राधामोहन सिंह ने कहा है कि केंद्र प्रायोजित कृषि योजनाओ के क्रियान्वयन में बिहार सरकार पूरी तरह से उदासीन रही है. यहीं कारण है कि निर्धारित समय सीमा के बावजुद भी अभी तक बिहार में मात्र 25 फिसदी किसानों को ही मृदा परीक्षण रिर्पोट मुहैया कराया जा सका है. देश के किसानों के लिए देहात एप्स के लाचिंग के लिए बेतिया पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री श्री सिंह शनिवार को पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. श्री सिंह ने कहा कि देश में मार्च 2017 तक 14 करोड़ किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड देने का लक्ष्य रखा गया है.
जिसमें से अभी तक पूरे देश में 10 करोड़ का नमुना संग्रह कर लिया गया है. जबकि प्राप्त नमूना में से 5 करोड़ किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड वितरित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि केंद्र का लक्ष्य है कि सभी किसानों के खेतों तक पानी पहुंचे. तभी हर हाथ काम का लक्ष्य पूरा हो सकेगा. उन्होंने कहा कि देश के हर घर में बिजली के साथ ही साथ हर खेत को पानी के लक्ष्य के लिए अलग से ग्रीड की स्थापना की जा रही है. श्री सिंह ने कहा कि देश के सभी राज्यो को जिलासिंचाई प्लान बनाने का निर्देश दिया गया है.
किसानों को लागत राशि से अधिक जब उपज मिलेगा तभी आमदनी बढ़ेगी और केन्द्र सरकार इसी योजना के तहत काम कर रहीहै. उन्होंने कहा कि देश में अभी भी 56 प्रतिशत भू भाग ऐसे हैं, जहां सिंचाई संसाधन नहीं पहुंच पाते है. केवल बिहार में सिंचाई के लिए महात्वाकांक्षी परियोजना दुर्गावती और पूनपून परियोजना अभी भी लंबित है. लेकिन केंद्र की योजना है कि 2017 तक इन परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाय. उन्होंने कहा कि देश में बड़े -बड़े घोटाले हुए लेकिन कृषि पर किसी भी सरकार ने काम नही किया.

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