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एनएच28 बी का पांच वर्षों में भी दोहरीकरण नहीं

बगहा को जिला मुख्यालय से जोड़ती है यह सड़क जान हथेली पर ले चलते हैं राष्ट्रीय राज मार्ग पर लोग बगहा : पांच साल बाद भी एनएच 28 बी का दोहरीकरण नहीं हो सका है. जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले लोग अपनी जान हथेली पर ले कर चलते हैं. बगहा से लेकर बेतिया […]

बगहा को जिला मुख्यालय से जोड़ती है यह सड़क

जान हथेली पर ले चलते हैं राष्ट्रीय राज मार्ग पर लोग
बगहा : पांच साल बाद भी एनएच 28 बी का दोहरीकरण नहीं हो सका है. जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले लोग अपनी जान हथेली पर ले कर चलते हैं.
बगहा से लेकर बेतिया जिला मुख्यालय तक जाने वाली सड़क में परसौनी तक सड़क सिंगल होने के साथ ही पूरी तरह जर्जर हो गयी है. सड़क के किनारों पर फ्लैंक नहीं होने के कारण वाहनों को साइड लेने के समय परेशानी होती है. इसके वजह से आये दिन सड़क पर वाहनों की टक्कर और दुर्घटनाएं होती रहती हैं. बगहा के लोगों के लिए बेतिया जिला मुख्यालय जाने के लिए यह एक मात्र सड़क है.
लौरिया एवं वाल्मीकीनगर जैसे पर्यटन स्थल पर जाने के लिए भी इसी सड़क का उपयोग होता है. सीमावर्ती यूपी से लेकर विदेशी पर्यटक तक इस सड़क से आते रहते है. लेकिन इतनी महत्वपूर्ण सड़क होने के बावजूद राष्ट्रीय राज मार्ग का दोहरीकरण तो दूर इसकी मरम्मत भी नहीं करवायी गयी.
पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़क में बरसात के दिनों में पानी भर जाता है.
विश्व बैंक ने दी थी वितीय सहायता : विश्व बैंक वर्ष 2011 में देश के 33 राष्ट्रीय राज मार्गों को टू लेन में विकसीत करने के लिए वितीय सहायता देने को तैयार हुआ था. जिसमें बेतिया से लेकर कुशीनगर तक 87 किलोमीटर एनएच 28 बी का दोहरीकरण भी शामिल था. टूलेन सड़क 10 मीटर यानि कि 30 फीट चौड़ी बननी थी. इसके अतिरिक्त सड़क के दोनों ओर डेढ़ मीटर की पटरी का निर्माण भी होना था. भूतल परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव एपी पाठक ने फरवरी 2015 में दावा किया था कि एनएच 28 बी के दोहरीकरण का कार्य वर्ष 2016 तक पूरा कर लिया जायेगा.
नहीं दूर हुआ वन विभाग का पेच : प्रस्तावित एनएच 28 बी का लगभग 5 किलोमीटर हिस्सा पूरी तरह जंगल क बीच से हो कर गुजरता है. जिस पर वन विभाग ने रोक लगा रखा है. जन प्रतिनिधियों का दावा था कि एनएच 28 बी के निर्माण के लिए वन विभाग से एनओसी मिल गया है. लेकिन पिछले महिने आये वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह के बयान ने इस पेंच को और उलझा दिया है. उनका कहना था कि जंगल से गुजरने वाली सड़क को बंद कर दिया जायेगा. अब सड़क जंगल से बाहर से होकर गुजरेगी. यदि ऐसा हुआ तो फर नए सिरे से सड़क के सर्वे और निर्माण में काफी समय लग जायेगा.
सड़कों पर बढ़ रहे हैं हादसे
इस कार्य को तीन बार में करना था. पहले चरण में 25 किलोमीटर बेतिया से 40 किलोमीटर मिश्रौली तक 50 करोड़ की लागत से कार्य होना था .दूसरे में 40 किलोमीटर मिश्रौली से 64 किलोमीटर परसौनी तक 98 करोड़ की लागत से सड़क का दोहरीकरण किया जाना था. यह काम भी शुरू हो चुका है. लेकिन तीसरे रीच में 64 किलोमीटर परसौनी से 97 किलोमीटर बगहा के बीच बनने वाली सड़क तथा पहले रीच का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है.
सांसद बोले तकनीकी कारणों से हुआ विलंब
वाल्मीकीनगर सांसद सतीशचंद्र दूबे ने बताया कि एनएच 28 बी के निर्माण में तकनीकी कारणों से विलंब हुआ. 9 अप्रैल 2015 में हीं इसका टेंडर हुआ. दूसरे रीच का टेंडर क्लीयर हो गया और उस पर काम भी शुरू हो गया. लेकिन बेतिया हरिवाटिका से मिश्रौली तक तथा बगहा से परसौनी तक की सड़क के लिए तीन बार टेंडर हुआ. मामला फाइनेंशीयल बीड को लेकर फंसा है. जो कंपनी सबसे कम पर काम करने को तैयार हो जायेगी उसे काम मिल जायेगा.
उम्मीद है कि जल्द हीं इन दोनों रीच पर भी काम शुरू हो जायेगा. बगहा से मदनपुर होते हुए यूपी सीमा तक बनने वाली सड़क एनएच 28 बी का चौथा रीच है. जंगल विभाग के एनओसी नहीं देने के कारण काम रूका है. मंत्रालय जंगल के बाहर से सड़क निकालने पर विचार कर रहा है. यह काम जल्दी हो इसके लिए मैंने स्वयं मंत्री से मुलाकात की थी.

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