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फिर खुली कैदी वार्ड की सुरक्षा की पोल

बेतिया : लाख जतन के बाद भी कैदी वार्ड की सुरक्षा में सेंध लग रही है. शातिर बाघ तस्कर हरि गुरो की 14 अप्रैल को संिदग्ध अवस्था में कैदी वार्ड में मौत हो गयी थी. वहीं शनिवार को उसका भाई नरसिंह शौचालय का वेंडिलेटर तोड़कर फरार हो गया. दोनों भाइयों को बगहा उपमंडलकारा से सीने […]

बेतिया : लाख जतन के बाद भी कैदी वार्ड की सुरक्षा में सेंध लग रही है. शातिर बाघ तस्कर हरि गुरो की 14 अप्रैल को संिदग्ध अवस्था में कैदी वार्ड में मौत हो गयी थी. वहीं शनिवार को उसका भाई नरसिंह शौचालय का वेंडिलेटर तोड़कर फरार हो गया. दोनों भाइयों को बगहा उपमंडलकारा से सीने में दर्द की शिकायत पर एमजेके अस्पताल के कैदी वार्ड में भरती कराया गया था.

जब वाल्मीकिनगर बाघ्र परियोजना में बाघों की हत्या व तस्करी का मामला सामने आया था, तब तस्करी से पर्दा उठाने के लिए बेतिया मुख्य बाघ तस्करी के मुख्य आरोपी हरि गुरो के भाई नरसिंह गुरो को बेतिया पुलिस ने ऑपरेशन चला कर गिरफ्तार की थी. नरसिंह के गिरफ्तारी के बाद से हीं बाघों की हत्या व तस्करी के मामले से धीरे-धीरे पर्दा उठाने लगा था. उसके बाद बगहा व बेतिया पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान मुख्य आरोपी बाघ तस्कर हरि गुरो को भी गिरफ्तार किया गया.
बेतिया : गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल के कैदी वार्ड की सुरक्षा व्यवस्था की एकबार फिर पोल खुल गयी है. शौचालय का खुले हुए वेंडिलेशन का लाभ उठाकर कुख्यात बाघ तस्कर हरि गुरो का भाई नरसिंह गुरो शनिवार को फरार गया है. जिससे अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाना शुरू हो गया है. अब सवाल यह उठता है कि बार-बार कैदी शौचालय के दौरान ही भागते हैं,तो शौचालय के वेंंडिलेशन को क्यों खुला छोड़ा गया था? जबकि नरसिंह जैसा शातिर बाघ तस्कर 18 जून को सीने में दर्द की शिकायत पर बगहा उपमंडलकारा प्रशासन द्वारा इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.
जबकि दो माह पूर्व कुख्यात बाघ तस्कर हरि गुरो को सीने के दर्द की शिकायत पर हीं बगहा उपमंडलकारा ने भर्ती कराया था. इलाज के दौरान हीं हरि गुरो का संदिग्ध हालत में मौत हो गयी थी. दोनों भाईयों को सीने के दर्द की शिकायत पर हीं भर्ती कराया गया था. मुख्य आरोपी हरि गुरो का 14 अप्रैल की देर शाम संदिग्ध स्थिति में हो गयी थी. मुख्य आरोपी की मौत हो जाना व उसके भाई नरसिंह का कैदी वार्ड से भागने के बाद वाल्मीकिनगर बाघ्र परियोजना से बाघों की हत्या व तस्करी के मामले से रहस्य का आना मुमकीन नहीं दिख रहा है.
पटना से भी घूम आया था नरसिंह : बाघ तस्करी के मुख्य आरोपी हरि गुरो का भाई नरसिंह गुरो बाघ तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद नरसिंह बगहा उपमंडलकारा में बंद था. बीमारी के नाम पर उपमंडलकारा प्रशासन उसका इलाज पीएमसीएच तक इलाज के लिए भर्ती करायी थी. जहां उसका इलाज भी हुआ था. अब सवाल यह उठता है कि पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल में इलाज के बाद नरसिंह को क्यों बेतिया अस्पताल में भर्ती कराया गया? बीमारी के नाम पर नरसिंह पर ज्यादा मेहरबानी उपमंडलकारा प्रशासन के कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा कर रहा है.

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