शैलेन्द्र गढ़वाल, मोतीलाल, कुसुम देवी और सुरेन्द्र उरांव के बीच होगा मुकाबला
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एक साल बचा है कार्यकाल चार दावेदारों में उलझी अध्यक्ष की कुरसी
शैलेन्द्र गढ़वाल, मोतीलाल, कुसुम देवी और सुरेन्द्र उरांव के बीच होगा मुकाबला परिणाम आने के साथ ही सदस्यों को अपने अपने पक्ष में गोल बंद करने लगे हैं दावेदार जिले के कई माननीय भी लगे जोड़ तोड़ में, शुरू हो गया है प्रलोभन देने का दौर बेतिया़ : जिला परिषद अध्यक्ष पद के लिए 30 […]
परिणाम आने के साथ ही सदस्यों को अपने अपने पक्ष में गोल बंद करने लगे हैं दावेदार
जिले के कई माननीय भी लगे जोड़ तोड़ में, शुरू हो गया है प्रलोभन देने का दौर
बेतिया़ : जिला परिषद अध्यक्ष पद के लिए 30 जून को होने वाले चुनाव का आरक्षण का रोस्टर जारी होते ही गोलबंदी शुरू हो गई है़
अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित इस सीट पर वर्तमान समय चार प्रबल दावेदार अपने अपने पक्ष में जिला परिषद सदस्यो को गोलबंद करने में जुट गए है़ जिला परिषद क्षेत्र संख्या 21 से निर्वाचित शैलेन्द्र गढ़वाल, क्षेत्र संख्या 1 से मोतीलाल साह उर्फ छट्टु साह,क्षेत्र संख्या 2 से कुसुम देवी और क्षेत्र संख्या चार से निर्वाचित सुरेन्द्र उरांव की दावेदारी के बीच जिला परिषद अध्यक्ष पद की कुर्सी उलझ गई है़
ताज किसके सर चढ़ेगा कयास लगाने का दौर शुरू हो गया है़ जिला परिषद अध्यक्ष पद की कुर्सी पर अपने चहेतो को बैठाने के लिए जिले के कई माननीय भी अपने अपने हिसाब से राजनीति करने लगे है़ इनमें से दो नव निर्वाचित सदस्य थारू जाति से तो एक आदिवासी और एक गोंड जाति से है
सदस्यों को रिझाने का दौर शुरू: जिला परिषद अध्यक्ष पद की कुर्सी उसी को मिलेगा जिसके पास धन और बल दोनों हो़ ऐसा पहले भी होता रहा है़ बिना सदस्यों को रिझाए इस कुर्सी पर आसीन होना आसान नहीं है़ पूरा जिला इस हकीकत से वाकिफ भी है़ परदे के अंदर हर बार के चुनाव में रिझने और रिझाने का खेल होता रहा है़ सूत्रों की मानें तो वर्तमान दौर में निर्वाचित जिला परिषद सदस्यो को एक एक बुलेट मोटर साईकिल और अन्य उपहार देकर रिझाने की चर्चा शुरू हो गई है़
चुनने के बाद से ही नहीं दिख रहे नवनिर्वाचित सदस्य
जिला परिषद अध्यक्ष पद का चुनाव 30 जून को है लेकिन चुने जाने के बाद से ही कई नवनिर्वाचित सदस्य अपने अपने एरिया से गायब हो गए है़जिला परिषद के कुल 42 सदस्यों में से चार पाच सदस्य ही नजर आ रहे है या उनसे बात की जा सकती है़ अन्य का कही अता पता नही है, यही नही परिणाम निकलने तक जिनका मोबाईल हमेशा खुला रहता था वर्तमान समय स्वीच ऑफ बता रहा है़
चर्चाओं के अनुसार जीत के बाद कई मां वैष्णो देवी के दरबार में पहुंच गए है तो कई अध्यक्ष पद के जोड़ तोड़ में लगने वाले लोगो के साथ भूमिगत हो गए है़
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