बेतिया : नगर परिषद में अनुबंध पर बहाल 20 कर्मियो को बोर्ड व सशक्त स्थानीय समिति के अनुमोदन के आधार पर स्थायी कर दिया गया. जब मामला तूल पकड़ा तो बहुमत से बोर्ड में इन स्थायी कर्मचारियों का नियमितकरण रद्द कर दिया. इसका खुलासा डीएम के द्वारा गठित जांच कमेटी के रिपोर्ट से हुआ है. […]
बेतिया : नगर परिषद में अनुबंध पर बहाल 20 कर्मियो को बोर्ड व सशक्त स्थानीय समिति के अनुमोदन के आधार पर स्थायी कर दिया गया. जब मामला तूल पकड़ा तो बहुमत से बोर्ड में इन स्थायी कर्मचारियों का नियमितकरण रद्द कर दिया. इसका खुलासा डीएम के द्वारा गठित जांच कमेटी के रिपोर्ट से हुआ है.
कमेटी के सदस्यों ने रिपोर्ट में बताया है कि बोर्ड ने इन 20 कर्मियों के नियमितकरण को रद्द करते हुए इसकी सूचना नगर विकास सह आवास विभाग को भेज दी गयी है. कमेटी ने यह पूर्व इस नियुक्ति की जांच तत्कालीन अपर समाहर्ता व्यास मुनि प्रधान, एसडीएम सुनील कुमार व वरीय उप समाहर्ता मोना झा कर चुकी है.
जांच दल ने कई सवाल पूछे
इस त्रिस्तरीय कमेटी को सभापति जनक साह ने बताया है कि वर्ष 2013 में 18 अगस्त को उक्त दैनिक व अनुबंध कर्मियों की सेवा नियमित की गयी. इस नियमितकरण की सम्पुष्टि नप बोर्ड ने वर्ष 2013 के 20 अगस्त को की. इस पर जांच दल ने कई सवाल भी पूछे गये थे. इसमें पहला सवाल था कि नगर निकाय में नियुक्ति पर वर्ष 1999 में ही नगर विकास ने 20 नवंबर को प्रतिबंध लगा दी थी.
आरक्षण रोस्टर का नहीं किया गया पालन
नियमितकरण में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया व नियोजनालय के माध्यम से आवेदन पत्र नहीं मंगाये गये थे. फिर कैसे इनकी सेवा नियमित कर दी गयी. इस सभापति ने जवाब दिया था कि तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी ने इस संबंध में कोई जानकारी सशक्त स्थायी समिति व नप बोर्ड को नहीं दी थी. सभापति ने यह भी कहा कि पार्षद बनने के लिए कोई शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं है. इससे पार्षद नियमों व प्रावधानों से अनभिज्ञ है.
तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी ने गुमराह कर नियमितकरण के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करा लिये. जब इन सब बातों की जानकारी हुई तो बोर्ड में बहुमत से इन सभी कर्मियों का नियमितकरण को रद्द कर दिया गया है. डीएम लोकेश कुमार सिंह के आदेश पर दूबारा जांच कर रही कमेटी इन सभी बातों को अपने जांच रिपोर्ट में शामिल किया है. इस जांच कमेटी में डूडा के प्रभारी पदाधिकारी नुरूल हक शिवानी , वरीय उप समाहर्ता राज मोहन झा, बगहा के कार्यपालक पदाधिकारी व रामनगर के कार्यपालक पदाधिकारी समेत कई अधिकारी शामिल थे.