बेतिया : सरकार या किसी योजना से नहीं, अब बस पार्षदों के मरजी से शहर की मुख्य सड़के जगमगा सकती है. क्योंकि शहर में लगभग 2 करोड़ की लागत से 390 एलइडी लाइट लगाने का कार्यादेश एक एजेंसी को दी जा चुकी है. लेकिन पार्षदों के बीच हुए मनमुटाव से इस योजना को धरातल पर […]
बेतिया : सरकार या किसी योजना से नहीं, अब बस पार्षदों के मरजी से शहर की मुख्य सड़के जगमगा सकती है. क्योंकि शहर में लगभग 2 करोड़ की लागत से 390 एलइडी लाइट लगाने का कार्यादेश एक एजेंसी को दी जा चुकी है. लेकिन पार्षदों के बीच हुए मनमुटाव से इस योजना को धरातल पर उतरने में अब कुछ वक्त लग सकता है.
कुछ पार्षद इस पक्ष में नहीं है कि यह लाइट शहर के मुख्य मार्ग पर लगे. उनका कहना है कि बोर्ड ने पास किया है कि शहर के प्रत्येक वार्ड में 10-10 एलइडी लाइट लगे तो ऐसा ही हो. जबकि नप सभापति जनक साह व नप इओ विपिन कुमार को डीएम लोकेश कुमार सिंह ने सुझाव दिया है कि इस योजना से पहले शहर की मुख्य सड़कों को जोड़ा जाय. अगली योजना के तहत शहर के वार्ड को जोड़ा जायेगा. मामला इन्हीं सब बातों को लेकर फंसा हुआ है. इओ के चेंबर में तालाबंदी की घटना को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है.
एलइडी लाइट में कहीं ‘पीसी’ की लड़ाई तो नहीं !
एलइडी लाइट के पीछे ‘पीसी’ का भी मामला जोड़ कर देखा जा रहा है. ‘पीसी’ का अर्थ यहां पर्सनल कमीशन से है. क्योंकि इस योजना का कार्यादेश विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अखिलेश्वर प्रसाद वर्मा के कार्यकाल में मिला है. जबकि एलइडी लाइट लगाने से उक्त एजेंसी को रोकने के लिए कोई पार्षद ठोस प्रमाण नहीं दे रहा है.
कहते है नप इओ
शहर में 390 एलइडी लाइट लगाने के लिए कार्यादेश लक्ष्मी कंट्रक्शन को दिया जा चुका है. अगर पार्षदों को आपत्ति है तो लाइट मद में और पैसे है जरूरत के हिसाब से उसे खर्च किया जा सकता है. विपिन कुमार
नप इओ, बेतिया