बेतिया : 90 के दशक में चंपारण में अपराध की दुनिया में अपहरण उद्योग का जन्म हो गया था. ठीक इसी वक्त 1992 में हरि यादव नाम के एक युवक ने योगापट्टी के दियारा यानी चंपारण का ‘मिनी चंबल’ में कदम रखा. हरि ने भी आपराधिक दुनिया की शुरुआत भी अपहरण उद्योग से ही किया.
देखते-देखते हरि कुख्यात हरि यादव बना और फिर इनामी दस्यु हरि बन बैठा. ढ़ाई दशक के आपराधिक इतिहास में कई बार इसका आमना-सामना भी पुलिस से हुआ. क्योंकि डकैती, लूट, हत्या, अपहरण, आर्म्स एक्ट के साथ इसके खिलाफ मुठभेड़ की भी प्राथमिकी दर्ज है. हरि पहले दस्यु सरदार भागड़ यादव गिरोह के लिए काम करता था.
लेकिन कुछ ही वर्षों बाद वह भागड़ गिरोह से अलग हो कर शातिर वंशी यादव के गिरोह में शामिल हो गया. हरि व वंशी ने मिल कर दर्जनों अपहरण,डकैती व हत्या जैसे जघन्य अपराध कर दियारे में अपने नाम की दहशत कायम कर दी.