बेतिया : लोक आस्था का महापर्व करीब आने के बाद भी नगर के करीब आधा दर्जनों घाटों की सफाई अब तक पूरी नहीं हुई है. घाट पर जहां कूड़ा-कचरा का अंबार लगा हुआ है. वही तालाब में कूड़ा-कचरा तैर रहे है. ऐसे में कैसे इस बार व्रती घाट पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देगी. नगर […]
बेतिया : लोक आस्था का महापर्व करीब आने के बाद भी नगर के करीब आधा दर्जनों घाटों की सफाई अब तक पूरी नहीं हुई है. घाट पर जहां कूड़ा-कचरा का अंबार लगा हुआ है. वही तालाब में कूड़ा-कचरा तैर रहे है. ऐसे में कैसे इस बार व्रती घाट पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देगी. नगर के करीब सभी छठ घाटों की हालत भी एक समान बनी हुई है.
नप प्रशासन भी इधर घाटों की सफाई में जुटा है. लेकिन समय काफी नजदीक आने के कारण अनुमान लगाया जा रहा है कि घाटों की सफाई इस बार शायद ही पूर्व के वर्षों जैसी दिखे.
डेंजर घाटों का नहीं हुआ है पहचान
पिछले वर्ष जहां शहर के सभी छठ घाटों में डेंजर जोन की पहचान पहले ही कर ली गयी थी. वही इस बार इस कार्य में नप प्रशासन काफी पीछे रह गया है.
जबकि सभी घाटों पर बारकेटिंग कराया गया था ताकि लोग गहरे पानी में अर्घ्य देने के लिए नहीं चले जाये. घाटों पर बारकेटिंग की भी व्यवस्था नहीं दिख रही है. कहीं- कहीं स्थानीय पूजा समिति द्वारा ऐसा कराया जा रहा है जबकि अन्य घाटों पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है.
तार की नहीं हुई मरम्मत
छठ घाट के ऊपर से गुजरे सभी बिजली के तार की जांच व मरम्मती पिछले वर्ष करायी गयी थी. लेकिन इस पर भी इस बार कोई कार्य इस बार शुरू नहीं हुआ है. डीएम लोकेश कुमार सिंह ने ही पिछली बार बिजली विभाग के अधिकारियों को इसके लिए आवश्यक निर्देश भी दिये थे. इस बार छठ घाट की व्यवस्था के प्रति प्रशासनिक उदासीनता दिख रही है.
नाव-नाविक की तैनाती नहीं
छठ पर्व के नजदीक आने के बाद भी घाटों पर व्रतियों की सुरक्षा के लिए नाव व नाविक की व्यवस्था भी इस बार नहीं हो सकी है. नप सूत्रों की माने तो अभी इस संबंध में कोई निर्णय भी नहीं बन पाया है.