बेतिया : जिले के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज एमजेके में स्नातक प्रथम खंड के नामांकन भारी पैमाने पर फर्जीवाड़ा की बात सामने आयी है. स्नातक प्रथम खंड के इतिहास विषय में सीट से ज्यादा करीब 48 छात्र-छात्राओं का नामांकन हो गया है. इतना ही जिन छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ है वे नामांकन जांच परीक्षा में भी शामिल नहीं हुए है. इस मामले की सामने आते ही एमजेके कॉलेज प्रशासन में खलबली मच गयी.
जांच के लिए गठित हुई पांच सदस्यीय टीम
एमजेके कॉलेज के प्राचार्य डॉ रामप्रताप नीरज ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पांच सदस्यीय जांच टीम शुक्रवार को गठित कर दी है.
टीम में हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ परमेश्वर भक्त, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ एसके शुक्ला, इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ तरुण प्रसाद गुप्ता, उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ शमसुल हक व रसायन विभागाध्यक्ष डॉ ओपी गुप्ता को शामिल किया गया है. प्राचार्य ने टीम से तीन दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सौपने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा.
नामांकन में फर्जीवाड़ा नयी बात नहीं
एमजेके कॉलेज में नामांकन में फर्जीवाड़ा की घटना कोई नयी नहीं है. इससे पहले भी इंटर के सांइस के नामांकन में वर्ष 2011-12 भारी पैमाना में फर्जीवाड़ा हुआ था. मामले का खुलासा भी जांच टीम ने किया.
उस वक्त एमजेके कॉलेज में तत्कालीन प्राचार्य डा. ओपी सिंह ने करीब 49 नामांकन रद्द भी किये. लेकिन दोषियों पर तीन साल बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.