बेतिया/सरिसवा : आम तौर पर गर्मी के मौसम में होने वाले चिकेन पॉक्स बीमारी होने की संभवना ज्यादा रहती है, लेकिन सर्द मौसम में फैली इस बीमारी से स्वास्थ्य महकमा व आम ग्रामीणों को आश्चर्यचकित कर दिया है.
तीन दिनों से चनपटिया प्रखंड के लालगढ़ पंचायत के दो महादलित गांवों में 84 लोग चिकेन पॉक्स बीमारी के चपेट में हैं. चिकेन पॉक्स बीमारी बच्चों में पाया जा रहा है. इतना हीं बीमारी लगातार बढ़ी जा रही है. इसके कारण आस-पास गांव के ग्रामीण खौफ में जी रहे हैं. बीमारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई खास कदम नहीं उठाया गया है. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश के साथ-साथ डर भी कायम है. वहीं ग्रामीण टोटका अपना कर बीमारी पर कुछ हद तक काबू पाने की कोशिश कर रहें है. फिर भी उनको कामयाबी नहीं मिल रही है. ग्रामीण राम सूरत मांझी, जीतन मांझी, ठग मांझी, अमजद मियां आदि कहते हैं कि सोमवार से हीं आठ-दस बच्चों के शरीर पर छोटे-छोट चेचक (माता जी) का दाग दिखा देने लगा.चेचक का प्रकोप ऐसा रहा कि बुधवार तक 84 लोग इस बीमारी से ग्रसित हो गये. आज भी दो-तीन बच्चों के शरीर पर छोटे-छोटे दाने दिखाई दे रहा है. बीमारी से बचाव के खातिर तेल छुआने व नीम की डाली तथा पत्ति को रखने का काम किया जा रहा है. लेकिन चेचक (माता जी) मान नहीं रही हैं.
एक ही परिवार में आधा दर्जन हैं मरीज
चिकेन पॉक्स बीमारी के चपेट में करीब एक दर्जन से ज्यादा परिवार के आधा दर्जन सदस्य हैं. इनमें कन्हैया महतो की पुत्री सीता (12 वर्ष), मंजीत (10 वर्ष), सुबोध (4 वर्ष), सुरज (2 वर्ष), मनोज मांझी का पुत्र नीकेश (7 वर्ष), रितेश (4 वर्ष), पुत्री रागनी (5 वर्ष), शिवानी(1 वर्ष), प्रमोद मांझी का पुत्र मनीष (4 वर्ष), अंकित (2 वर्ष), श्यामनाथ मांझी का पुत्र सोनू (8 वर्ष), राजेश (6 वर्ष), ननक मियां का पुत्र नसीर (7 वर्ष), लक्ष्मण साह की पुत्री निभा (5 वर्ष) सहित 84 लोग चिकेन पॉक्स से ग्रसित हैं.
इलाज के लिए एएनएम व आशा तैनात
स्वास्थ्य विभाग चिकेन पॉक्स बीमारी से निपटने के लिए केवल खानापूर्ति कर रहा है. विभाग की ओर से चिकित्सक की जगह केवल तीन एएनएम को तैनात किया गया है. एनएएम गायत्री देवी, गीता कुमारी, शांति हेंब्रम, आशा तारा देवी पीड़ितों के बीच दवा की वितरण कर रही हैं.
ब्लीचिंग का छिड़काव जारी
लालगढ़ पंचायत के दो महादलित बस्ती खसुआर व मुसहर टोली गांव फैले चिकेन पॉक्स बीमारी से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से पहल शुरू कर दी गई. विभाग गांवों में एहतियात के तौर पर साफ-सफाई बरतने का अपील ग्रामीणों से कर रहा है. वहीं गंदगी से फैले संक्रामक को रोकने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. ताकि बीमारी के चपेट में अन्य लोग व सटे हुए गांव नहीं आ सके.
बोले चिकित्सक
शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. प्रमोद तिवारी का कहना है कि ऐसे में तो चिकेन पॉक्स बीमारी गर्मी के दिनों में होता है, लेकिन इस मौसम में होना एक आश्चर्यजनक प्रतीत हो रहा है. फिर भी इस बीमारी से बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान देना जरूरी है. साथ हीं यह बीमारी संक्रमण से फैलता है, इसलिए मरीज से अलग रहने की जरूरत है. ताकि अन्य लोग इस रोग के चपेट में नहीं आ सके.
जिले में हाइ अलर्ट
बेतिया. एकाएक चनपटिया में चिकेन पॉक्स फैलने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग सचेत हो गया है. सिविल सजर्न डॉ. गोपाल कृष्ण ने जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व दोनों रेफरल अस्पताल के प्रभारी को चिकन पॉक्स बीमारी से निबटने को लेकर हाई अलर्ट कर दिया है.
चिकित्सा प्रभारियों को स्पष्ट आदेश दिया गया है कि किसी जगह पर चिकन पॉक्स बीमारी की सूचना मिलती है, तो इसकी जानकारी जिला कार्यालय को दें. साथ हीं चिकित्सकों की टीम गठित कर प्रभावित इलाकों में रवाना करे.
चिकन पॉक्स बीमारी की शिकायत मिलती है ,उस क्षेत्र में डीडीटी का छिड़काव कराया जाय. यह बीमारी वायरस व साफ-सफाई के अभाव में फैलती है. सीएस ने आम लोगों से अपील की है कि वे आस पास गंदगी नहीं लगने दें.
ताकि इस बीमारी से बचा जा सके. बीमारी से निबटने के लिए जिला स्तर पर एक मेडिकल टीम गठित की गई है. यहां बता दें कि चनपटिया प्रखंड के खसुआर और मुसहरी टोले में 84 लोग चिकन पॉक्स के मरीज पाए गए हैं. यह बीमारी लगातार बढ़ रही है.