मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 285 किस्म की मुफ्त दवाओं के वितरण का दावा खोखला
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बाहरी दुकानों से मरीजों को खरीदनी पड़ती है दवा परेशानी
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 285 किस्म की मुफ्त दवाओं के वितरण का दावा खोखला खानापूरी तक सिमटी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल में दवा वितरण व्यवस्था प्रतिदिन इलाज कराने पहुंच रहे सुदूरवर्ती इलाके से हजारों मरीज, नहीं मिल रहा लाभ बेतिया : शहर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल में दवा और इलाज […]
खानापूरी तक सिमटी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल में दवा वितरण व्यवस्था
प्रतिदिन इलाज कराने पहुंच रहे सुदूरवर्ती इलाके से हजारों
मरीज, नहीं मिल रहा लाभ
बेतिया : शहर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल में दवा और इलाज खानापूरी तक सिमटी हुई है. यहां सरकार की ओर से दवा वितरण की व्यवस्था कुछ खास दवाओं तक सिमटी हैं. हकीकत में यहां के रोगियों का इलाज अस्पताल के बाहरी दवा दुकानों पर ही टिकी हुई है. सरकार दावा है कि बाह्य रोगी कक्ष में 65 किस्म की दवाएं मरीजों की दी जाती हैं. ऑपरेशन थिएटर में 21 किस्म की दवाएं व इंडोर में 74 किस्म की दवाएं देने का प्रावधान है. मगर मरीजों का आरोप है कि महज कुछ ही किस्म की दवाएं उन्हें दी जाती हैं.
सरकारी आंकड़े में दावा किया गया है कि मेडिकल कॉलेज के रूप में स्थापित सभी अस्पतालों में 285 किस्म की दवाएं मरीजों को मुफ्त दी जा रही हैं, इसके किस्मों की संख्या नये सत्र के जून से बढ़ाकर 310 कर दी जाएगी. जबकि जमीनी हकीकत यह है कि सभी दवाईयां समय से उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. सुदूरवर्ती क्षेत्र से आए कई मरीजों ने दावा किया है कि उन्हें कुछ किस्म की ही दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. बाकी के लिए बोला जाता है कि आप बाहर से खरीद लें. इस तरह गरीब मरीज शोषण के शिकार हो रहे हैं. इसको लेकर कई मरीजों ने आक्रोश जताया है.
क्षेत्रीय सांसद के निरीक्षण में मिली थीं भारी कमियां : विगत सप्ताह स्थानीय सांसद संजय जायसवाल ने एमजेके अस्पताल एवं अन्य कक्षों का भी निरीक्षण किया था. इसमें बहुत सारी कमियां पाई गई थीं. इसको लेकर सांसद भड़क उठे थे और स्वास्थ्य मंत्री से बात कर अस्पताल की विधि व्यवस्था के सुधार के लिए आग्रह किया था. लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है.
परिजनों ने कहा, नहीं मिल रही हैं दवाएं
प्रसव वार्ड में भर्ती बैरिया थाना क्षेत्र की मोतीपुर निवासी सकीना खातून पति अब्दुल्लाह अंसारी ने बताया कि दवा के नाम पर सिर्फ खानापूरी की जाती है और कुछ रूई और पानी उपलब्ध कराया जाता है. बाकी ये लोग बाजार से दवा खरीदते हैं. इसी तरह सिकटा थाना क्षेत्र के बाजार निवासी मंजू देवी व उत्तम कुमार सर्राफ का भी कहना है कि अस्पताल की ओर पानी ही उपलब्ध है. बाकी दवाएं इन लोगों को बाजार से खरीदना पड़ा है.
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