डीडीसी ने मझौलिया बीडीओ से मांगा स्पष्टीकरण, पंचायत सचिव पर प्राथमिकी दर्ज करने का दिया निर्देश
लोकायुक्त कार्यालय के निर्देश के बाद सक्रिय हुआ जिला प्रशासन
पंचायत सचिव के खिलाफ पूर्व मुखिया पम्मी सिंह लोकायुक्त के यहां दायर किया था परिवाद
बेतिया : मझौलिया प्रखंड के धोकराहां पंचायत के तत्कालीन पंचायत सचिव मूल अभिलेखों को गायब करने के मामले में फंस गये हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए डीडीसी योगेन्द्र सिंह ने मझौलिया बीडीओ को पंचायत सचिव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है. साथ ही मझौलिया बीडीआ के असहयोगात्मक रवैया अपने को लेकर 48 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया. स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होने पर बीडीओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की बता कही है. धोखरा पंचायत के तत्कालीन पंचायत सचिव हरे कृष्ण मिश्र के खिलाफ पूर्व मुखिया पम्मी सिंह ने लोकायुक्त के यहां परिवाद दायर किया था.
पूर्व मुखिया पम्मी सिंह द्वारा लोकायुक्त कार्यालय में दाखिल परिवाद में लोकायुक्त कार्यालय के निर्देश पर डीएम डॉ.निलेश रामचन्द्र देवरे ने डीडीसी को स्वयं जांच कर संबंधित कर्मी की जिम्मेवारी निर्धारित करने का निर्देश दिया. डीएम के निर्देश के आलोक में डीडीसी ने विगत 15 मार्च को प्रखंड कार्यालय मझौलिया पहुंचकर परिवाद से संबंधित मामलों की जांच की. हालांकि इस संबंध में बीडीओ को पूर्व में सूचना दे दी गयी थी. लेकिन जांच के समय वे उपस्थित नहीं हुए.
प्रखंड कार्यालय में उपस्थित प्रभारी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी मझौलिया एवं प्रधान सहायक से संबंधित परिवाद मूल अभिलेख के संबंध में पृच्छा की गयी. लेकिन उनलोगों द्वारा कोई संतोषजनक जबाब नहीं दिया गया. जबकि डीएम द्वारा पूर्व में जांच के लिए प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी को संयुक्त दल का गठन कर अभिलेख की छानबीन करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. निश्चित रुप से प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी इस मामले में जानकारी रही होगी।.
लेकिन उनके द्वारा सहयोग नहीं किया गया. बताया गया कि मूल अभिलेख प्रखंड कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. साथ हीं धोकराहां के तत्कालीन पंचायत सचिव हरेकृष्ण मिश्र द्वारा आवेदन देकर प्रतिवेदित किया गया कि उन्हें भी अभिलेख की जानकारी नहीं है. डीडीसी ने स्पष्ट किया है कि परिवाद में संबधित मूल अभिलेख दस्तावेज के संधारण में तत्कालीन पंचायत सचिव द्वारा घोर लापरवाही की गयी है. डीडीसी योगेंद्र सिंह ने मूल अभिलेख दस्तावेज नहीं मिलने के लिए पुरी तरह से तत्कालीन पंचायत सचिव हरेकृष्ण मिश्र को जिम्मेवार माना है. उन्होंने तत्कालीन पंचायत सचिव हरेकृष्ण मिश्र के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच में सहयोग नहीं देने के लिए बीडीओ से स्पष्टीकरण की मांग की है.