पहल. लोक संवाद की तर्ज पर िशक्षा चौपाल, बेितया से हुई शुरुआत
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छात्रों-अभिभावकों के सुझाव से बनेगी नयी शिक्षा नीति : मंत्री
पहल. लोक संवाद की तर्ज पर िशक्षा चौपाल, बेितया से हुई शुरुआत िशक्षा चौपाल के जरिये व्यवस्था में सुधार के िलए सरकार ने नई पहल की है. इसी क्रम में सीधे छात्रों, अिभभावकों व िशक्षकों से सुझाव िलए गये. बेतिया : सूबे के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने गुरुवार को नयी पहल करते हुए यहां […]
िशक्षा चौपाल के जरिये व्यवस्था में सुधार के िलए सरकार ने नई पहल की है. इसी क्रम में सीधे छात्रों, अिभभावकों व िशक्षकों से सुझाव िलए गये.
बेतिया : सूबे के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने गुरुवार को नयी पहल करते हुए यहां नगर भवन में शिक्षा चौपाल लगायी. लोक संवाद के तर्ज पर आयोजित इस चौपाल में शिक्षा मंत्री जिले के शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों से रू-ब-रू हुए और सुझाव व शिकायतें सुनीं. कहा कि बिहार की शिक्षा नीति अब अधिकारियों के प्रतिवेदन व बंद कमरे में निर्धारित नहीं होगी. बल्कि इसका निर्धारण लोक संवाद के माध्यम से सीधे शिक्षक, छात्र व अभिभावकों से जुड़ कर होगा. नयी शिक्षा नीति इनके सुझाव को ध्यान में रखकर बनाया जायेगा.
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सुझाव कम, वेतनमान देने की ज्यादा हुई मांग
शिक्षा चौपाल यूं तो बेहतर शिक्षा नीति बनाने को लेकर लगायी गयी थी. लेकिन, इसमें सुझाव कम वेतनमान देने की मांग ज्यादा छायी रही. ज्यादातर शिक्षकों ने मंत्री से वेतनमान देने की मांग कही. जोर दिया कि वेतनमान मिलेगा, तभी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की बात हो सकेगी. वहीं कई संगठनों ने भी मंत्री को ज्ञापन सौंप अपनी मांग रखी.
इच्छाशक्ति से होगा बदलाव
मंत्री ने कहा कि इच्छा शक्ति परिवर्तन की जननी है. बिहार में जब चहुंओर निराशा का भाव था. जन-जन के मन में यह बसा था कि बिहार में सुधार नहीं हो सकता. उस समय सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने सत्ता की बागडोर संभाली और अपनी इच्छा शक्ति की बदौलत बिहार में परिवर्तन किया. प्राय: हर क्षेत्र में विकास हुआ है. मेरे मन में भी शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार को लेकर एक सोच विकसित हुई, जिसके बाद मैंने शिक्षा चौपाल लगाने का निर्णय लिया, ताकि लोगों से सीधे संवाद कर शिक्षा व्यवस्था में उत्पन्न समस्याओं को जान सकूं. इसका आगाज आज चंपारण की पवित्र भूमि से हो रहा है. मुझे उम्मीद है कि शिक्षा में व्यापक सुधार होगा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में हम आगे बढ़ेंगे. लेकिन, इस सबके लिए जरूरी है कि शिक्षा में अनुशासन व प्रतिबद्धता विकसित हो. शिक्षक अधिकारी अभिभावक व छात्रों में समन्वय हो, तभी शिक्षा में व्यापक सुधार संभव है. कार्यक्रम के दौरान जिले भर से आये शिक्षकों, छात्रों व अभिभावकों ने बेहतर शिक्षा को लेकर अपने सुझाव दिये. मौके पर शिक्षा विभाग के सचिव राबर्ट एस चौगथू, माध्यमिक शिक्षा के सहायक निदेशक अमीत कुमार, क्षेत्रीय उप निदेशक ब्रजेश ओझा, सुरेंद्र कुमार, डीइओ हरेंद्र झा मौजूद रहे.
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