बेतिया : शराबबंदी के बाद जिस पुलिस पर शराब की बिक्री व खरीद को रोकने की जिम्मेवारी थी, वहीं पुलिस अब कटघरे में आ गयी है. पुलिस की कार्यशैली, क्राइम कंट्रोल का तरीका और सामने आ रहे मामले इन्हें संदिग्धों की कतार में खड़ी कर रही है. जो चीख-चीख के बता रही है कि जिले में बेखौफ पीने-पिलाने का दौर वरदी की शह पर चल रही है. बीते दिनों के घटनाक्रम पर गौर करे तो पुलिस की कार्यशैली खुद ब खुद उनकी कारगुजारियों का पुलिंदा खोल रही है.
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यूं ही नहीं चितिंत थे एसीजेएम, बेखौफ चल रहा पीने-पिलाने का दौर
बेतिया : शराबबंदी के बाद जिस पुलिस पर शराब की बिक्री व खरीद को रोकने की जिम्मेवारी थी, वहीं पुलिस अब कटघरे में आ गयी है. पुलिस की कार्यशैली, क्राइम कंट्रोल का तरीका और सामने आ रहे मामले इन्हें संदिग्धों की कतार में खड़ी कर रही है. जो चीख-चीख के बता रही है कि जिले […]
हाल यह है कि कहने को तो शराबबंदी है, लेकिन जिले में रेलवे स्टेशन से लेकर हर प्रमुख चौक पर शराब मिलने के दावे हर जुबां से की जा रही है़ स्मैक, नशीली गोलियां, भांग, गांजा का कारोबार बढ़ा है़ इस कारोबार में लगे लोग तीन गुना से अधिक मुनाफा कमा रहे है़ ऐसी बात नहीं है कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है, बल्कि यह जगजाहिर है़ हालांकि शराबबंदी कानून लगने के बाद से पुलिस की सख्ती से शराब बंद हो गये थे़ लेकिन, ज्यो-ज्यो वक्त बीत रहा है, जिम्मेवार पुलिस सुस्त होती जा रही है़
नतीजा तस्करों ने इसका भरपूर फायदा उठा कर अपना कारोबार तेज कर लिया है़ हालात यूं हैं कि अमूमन हर माह में शराब के पकड़े जाने के मामले में दोगुने से अधिक इजाफा हुआ है़ हालांकि पुलिस व उत्पाद विभाग लगातार कार्रवाई के दावे कर रही है़ लेकिन आंकड़े तस्दीक करें तो तस्वीर बिल्कुल साफ है़ आंकड़े भी पुलिस के हैं, दावे भी पुलिस के है़ं लेकिन यह आंकड़े शराब के बढ़े कारोबार की पुष्टि जरूर कर रहे है़ं
गिरफ्तारी ने एसीजेएम के शिकायत पर लगाई मुहर : नरकटियागंज एसीजेएम की शिकायत पर बीते सोमवार को उस समय मुहर लग गई,
जब उत्पाद विभाग की टीम ने नरकटियागंज कोर्ट के पास के होटलों में छापेमारी कर दो को शराब के नशे में गिरफ्तार किया. यह हाल तब था, जब एसीजेएम की ओर से की गयी शिकायत के बाद कोर्ट के आस-पास के होटल सतर्क हो गये थे. बावजूद इसके दो की गिरफ्तारी होना एसीजेएम के शिकायत की पुष्टि करता है कि कोर्ट के पास शराब बिकती थी. हंगामा होता था और पुलिस चुप थी.
वरदी पर दाग
जिस पुलिस पर शराब की बिक्री व खरीद को रोकने की जिम्मेवारी, उसी पुलिस पर बिकवाने का लग रहा आरोप
छह दिन बाद भी मामले में कार्रवाई नहीं
एसीजेएम की ओर से शिकारपुर थानाध्यक्ष के खिलाफ शिकायत के छह दिन बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मामले में जांच की बात कही जा रही है, लेकिन छह दिन बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी है. इधर, कानून के जानकारों का कहना है कि शिकायत न्यायिक पदाधिकारी की ओर से हुई है. ऐसे में जांच का कोई मामला ही नहीं बनता है. बजाय इसके अब लोगों की नजर पुलिस की जांच रिपोर्ट की ओर टिकी है.
शिकारपुर के बाद अब मझौलिया थानेदार पर आरोप
शिकारपुर थानाध्यक्ष के बाद मझौलिया के थानेदार पर शराब बिकवाने का आरोप लगा है. यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि सत्ताधारी दल जदयू के जल श्रमिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष जगतनारायण प्रसाद निषाद ने लगाई है. उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. डीएम, एसपी को प्रतिलिपि भेजी है. आरोप लगाया है कि थानाध्यक्ष कारोबारियों से मोटी रकम लेकर शराब बिकवाते हैं. बरहाल, सच्चाई जांच के बाद भी आ सकती है.
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