बेतिया : व्यवहार न्यायालय परिसर में गोली मार आर्मी लिबरेशन फ्रंट के सरगना बबलू दूबे की हत्या मोतिहारी जेल से फरार शातिर कुणाल सिंह अपने शार्गिदों के साथ मिलकर की थी. हत्याकांड में शामिल सभी आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ गये हैं़ वे पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया थाना के फुलटकिया के रहने वाले शातिर राणा दीपू सिंह के घर आया-जाया करते थे
घटना के दिन व उसके पहले राणा दीपू बेतिया आया था. उसके घर से पुलिस ने एक पत्र भी बबलू हत्याकांड से जुडा पत्र भी बरामद किया गया. गिरफ्तार राणादीपू सिंह को पुलिस गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दी है. हालांकि मुख्य साजिशकर्त्ता कुणाल सिंह, सौरभ सिंह, सिगरेट सिंह अभी भी पुलिस पकड़ से बाहर है. सदर एसडीपीओ संजय कुमार झा ने बताया कि मोबाइल टावर लोकेशन व पुलिस अनुसंधान में यह बात सामने आया है कि कुख्यात बबलू दूबे हत्याकांड में राणादीपू सिंह भी शामिल था.
घटना के दिन वह व्यवहार न्यायालय के आस-पास हर गतिविधि पर नजर रखा हुआ था. इतना ही नहीं पूर्व में बबलू दूबे की हत्या करने की योजना अपराधियों ने बनायी थी. लेकिन हत्याकांड को अंजाम देने में अपराधी नाकाम रहे थे. उस दौरान भी राणादीपू बेतिया में मौजूद था. यह खुलासा राणादीपू के मोबाइल लोकेशन के आधार पर हुआ है. एसडीपीओ ने बताया कि एसपी विनय कुमार को गुप्त सूचना मिली थी कि अपने केसरिया थाना के फुलटकिया गांव में छुपा हुआ है.
सूचना के आधार पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसके घर से बबलू हत्याकांड से जुड़े पत्र बरामद किया गया है. हत्याकांड का कारण पत्र में खुलासा किया है कि नेपाल के एक बड़े उद्योगपति से वसूली गयी फिरौती की रकम की राशि के बांटवारे को लेकर हत्याकांड को अंजाम दिया गया है. छापेमारी दल में नगर थानाध्यक्ष नित्यानंद चौहान, मझौलिया थानाध्यक्ष ओमप्रकाश चौहान, तकनीकी सेल के दारोगा विनोद सिंह, सिपाही मुन्ना साह सहित पुलिस जवान शामिल रहे.