बेतिया : शिकारपुर थाना के सीतापुर गांव में हुए आशा देवान हत्याकांड मामले 33 साल बाद सुनवाई पूरी करते कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है. मामले में फास्टट्रैक कोर्ट द्वितीय के न्यायधीश ओमप्रकाश की कोर्ट ने हत्या के आरोपित सीतापुर गांव के शेख रउफ, शेख अहमद व शेख जाजुल को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सभी पर दस-दस हजार रुपये के अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर अदालत ने अतिरिक्त सजा का प्रावधान भी किया है.
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हत्या में 33 साल बाद तीन को आजीवन कारावास
बेतिया : शिकारपुर थाना के सीतापुर गांव में हुए आशा देवान हत्याकांड मामले 33 साल बाद सुनवाई पूरी करते कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है. मामले में फास्टट्रैक कोर्ट द्वितीय के न्यायधीश ओमप्रकाश की कोर्ट ने हत्या के आरोपित सीतापुर गांव के शेख रउफ, शेख अहमद व शेख जाजुल को दोषी करार देते हुए […]
हत्या का मामला वर्ष 1984 का है. अपर लोक अभियोजक केडी चौधरी ने बताया कि शिकारपुर थाना क्षेत्र के सीतापुर गांव का के आशा देवान 3 अक्तूबर 1984 को अपने बेटे सर्फुद्दीन देवान के साथ घर से निकल कर बाहर जा रहे थे. इसी दौरान पूर्व की रंजिश को लेकर पहले से घात लगाकर बैठे गांव के ही शेख रउफ, शेख अहमद व शेख जाजुल ने पिता-पुत्र को रोक लिया और गाली देने लगे. विरोध करने पर सभी ने आशा देवान व इनके पुत्र सर्फुद्दीन को लाठी और रॉड से पीटकर बुरी तरह जख्मी कर दिया.
हॉस्पिटल में इलाज के दौरान आशा देवान की मौत हो गई. मामले में गांव
के सर्फुद्दीन के फर्द बयान पर शिकारपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई. पुलिस ने अनुसंधान के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया. इसी मामले की सुनवाई पूरी करते हुए कोर्ट ने उक्त सजा का ऐलान किया.
सजा
1984 में लाठी से पीट कर की गयी थी आशा देवान की हत्या
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई सजा, दस-दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया
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