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भरत हत्याकांड

बेतिया : चनपटिया के चूड़ा मिल व्यवसायी रामजी प्रसाद के भाई भरत जी प्रसाद की हत्या के मामले ने जिले की पुलिस की पेशानी पर बल डाल दिया है. मामले का खुलासा पुलिस के लिए चुनौती बन गया है. घटना के 15 दिन बाद भी इस मामले की जांच में जुटी पुलिस खाक छान रही […]

बेतिया : चनपटिया के चूड़ा मिल व्यवसायी रामजी प्रसाद के भाई भरत जी प्रसाद की हत्या के मामले ने जिले की पुलिस की पेशानी पर बल डाल दिया है.

मामले का खुलासा पुलिस के लिए चुनौती बन गया है. घटना के 15 दिन बाद भी इस मामले की जांच में जुटी पुलिस खाक छान रही है. लुटेरे और हत्यारे कौन है? अभी तक यह पता लगाने में पुलिस नाकाम है. वह भी तब, जब कारोबारी के मुंशी मोहित को पुलिस 14 दिनों से अपने हिरासत में रखी है. बावजूद मामले का परदाफाश नहीं होना लोगों के आक्रोश का कारण बनता जा रहा है. घटना पर गौर करे तो प्रथम दृष्टया यह तय हो रहा है कि हत्या की वारदात लूट को लेकर अंजाम दी गयी है.
जिस तरह से 14 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली दिख रहे हैं, ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि हत्यारे पेशेवर थे. जो कि घटना के बाद शायद नेपाल में जा छिपे हैं. हत्यारों के पेशेवर होने की पुष्टि इस बात से भी लग रही है कि उन्होंने मौका-ए-वारदात पर कोई भी सबूत नहीं छोड़े थे. जिससे पुलिस उनतक पहुंच सके. सिवाय घटना के चश्मदीद कारोबारी के मुंशी मोहित कुमार के अलावे इस मामले में पुलिस के पास लुटेरों तक पहुंचने का और कोई रास्ता नहीं है. मुंशी को हिरासत में लिये जाने के चलते पहले तो पुलिस व लोगों का शक सीधे तौर पर मोहित पर गया, लेकिन उसे हिरासत में लेने के 14 दिन बाद भी कोई खुलासा नहीं होने से मुंशी के संलिप्तता से विश्वास उठता जा रहा है. माना जा रहा है कि पुलिस मुंशी मोहित को लूटेरों की पहचान के लिए अपने हिरासत में रखी हुई है. बता दें कि बीते चार जून को चनपटिया के प्रमुख चूड़ा मिल व्यवसायी रामजी प्रसाद के भाई भरथ जी प्रसाद की लूट के बाद हत्या बलथर थाना के माझरपुर के समीप उस वक्त कर दी गयी थी, जब वह लहना वसूल कर मुंशी मोहित कुमार के साथ भंगहा से वापस चनपटिया आ रहे थे. मामले में बलथर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
कार्रवाई पर उठे सवाल
मुंशी मोहित कुमार को 14 दिन से अपने हिरासत में रखने को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. नियमों के मुताबिक, 24 घंटे के भीतर हिरासत में लिये गये व्यक्ति को कोर्ट में प्रस्तुत करने का होता है, लेकिन यहां तो पुलिस मोहित को 14 दिनों से अपने हिरासत में रखी है. इसको लेकर भी लोगों ने पुलिस के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है.
डीएसपी ने मांगा था 19 जून तक का समय
भरत हत्याकांड मामले में नरकटियागंज डीएसपी अमन कुमार ने 19 जून तक का समय मांगा था. उन्होंने हर हाल में 19 जून तक हत्यारों की गिरफ्तारी कर मामले का परदाफाश का दावा उस समय किया था, जब चनपटिया के व्यवसायी इस मामले को लेकर सड़क जाम करते हुए धरने पर बैठ गये थे. सोमवार को डीएसपी के मियाद की तिथि खत्म हो रही है. ऐसे में यदि पुलिस मामले का खुलासा सोमवार तक नहीं करती है तो एक बार फिर चनपटिया में लोगों का आक्रोश बढ़ सकता है.

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