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इंसान की जान से कीमती थी लीची, बिछाया था मौत का जाल

मोतिहारी : शहर के राजा बाजार स्थित सरकारी क्वार्टर परिसर में गुरूवार को जो हादसा हुआ, उससे एक बार फिर इंसानियत कटघरे में खड़ी हो गयी. उस क्वार्टर में रहने वाले जिला नाजारत के कर्मचारी प्रमोद कुमार ने अपने चारों तरफ मौत का जाल बिछाया था. वहज कोई बड़ी नही थी. सिर्फ क्वार्टर परिसर में […]

मोतिहारी : शहर के राजा बाजार स्थित सरकारी क्वार्टर परिसर में गुरूवार को जो हादसा हुआ, उससे एक बार फिर इंसानियत कटघरे में खड़ी हो गयी. उस क्वार्टर में रहने वाले जिला नाजारत के कर्मचारी प्रमोद कुमार ने अपने चारों तरफ मौत का जाल बिछाया था. वहज कोई बड़ी नही थी.

सिर्फ क्वार्टर परिसर में लगी लीची, फुल व अन्य पेड़ पौधे की रखवाली के लिए उन्होंने चारों तरफ विद्युत प्रवाह वाली तार बिछा रखी थी. इसके लिए उन्होंने क्वार्टर के चारों तरफ बांस के फठ्ठे की धेराबंदी कर उसमें लोहे के नंगे तार का जाल बिछा उसमें करंट दौड़ा दिया था. वहीं विद्युत प्रवाह वाली लाहे के नगे तार का गुच्छा लीची पेड़ के पास रखा था. इस दौरान पेड़ पर लटक रही लीची के गुच्छे को देख आर्यन के मुंह से पानी टपक पड़ा.

उसे क्या मालूम था कि लीची पेड़ के चारों तरफ मौत का जाल बिछा था. वह जैसे ही पेड़ के पास गया कि विद्युत प्रवाह वाली लाहे के पतले नंग तार की चपेट में आ गया. वह पड़ता रहा और क्वार्टर में रहने वाले इंसान तमाश देखते रहे. उन्हें इंसान की जान से ज्यादा लीची प्यारी थी. आर्यन तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया,लेकिन प्रमोद के घरवाले बिजली का कनेक्शन नहीं काटे. जब आसपास के स्थानीय लोगों का गुस्सा फुटा तो दरवाजा तोड़ उनको जान बचाकर भागना पड़ा. इस दौरान नाराज लोगों ने कानून को अपने हाथ में ले लिया. क्वार्टर परिसर में तोड़फोड़ के साथ राजा बाजार कचहरी मुख्य सड़क पर आगजनी कर आवामन को अवरूद्ध कर पुलिस को आर्यन का शव उठाने से रोक दिया. सैकड़ों लोग मौत का बदला मौत से लेने पर उतारू थे.

उनको समझाने में पुलिस अधिकारियों को घंटो पसीना बहाना पड़ा.
पहले भी महिला व किशोर को लग चुका है करंट
इस घटना से पहले भी फुल तोड़ने गयी एक महिला को करंट लगा था. वहीं दस दिन पहले राजकिशोर पासवान का दस वर्षीय पुत्र उपेंद्र कुमार भी करंट लगने से जख्मी हो गया था. उसके दाहिने हाथ की हथेली करंट लगने से जल गयी थी. जख्म आज भी ताजा है. राजकिशोर ने बताया कि क्वार्टर नंबर सी/21 के परिसर में उसका लड़का लीची तोड़ने गया था. इस दौरान करंट लग गया. उपेंद आज भी रात को कांपता है. उसका पूरा शरीर पीला पड़ चुका है. इलाज में अबतक दस हजार रूपये खर्ज हो चुके है, लेकिन स्थिति जस की तस है.
होटल की देख-रेख करता था आर्यन
आर्यन राजा बाजार निवासी कुलदीप सिंह का पुत्र था. उसका छतौनी में एक छोटा सा होटल है. उसकी देखरेख करता था. उसकी मां बसंती देवी ने बताया कि करीब एक बजे होटल जाने के लिए घर से निकला. इस दौरान क्वार्टर परिसर में जाकर लीची तोड़ने का प्रयास किया. उसे नंगा तार नहीं दिखा. अचानक तार की चपेट में आकर तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. स्थानीय लोगों का कहना था कि आर्यन काफी मिलनसार लड़का था. उसको आजतक किसी से बच्चे से झगड़ा तक नही हुआ. बड़ो का आदर व सम्मान करता था. उसकी मौत से लोग आहत हैं.

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