रक्सौल : आइएसआइ भारत-नेपाल सीमा के दोनों तरफ के इलाके को अपने लिए सेफ जोन मान कर काम कर रही है. यहीं कारण है कि पिछले तीन महीने में सीमा के दोनों तरफ से लगभग एक दर्जन लोगों को आइएसआइ के इशारे पर भारत के विरुद्ध बड़े पैमाने पर काम करने का खुलासा हुआ है. कानपुर, घोड़ासहन व आदापुर ट्रेन विस्फोट का मास्टरमाइंड समशुल होदा नेपाल के बारा जिला के कलैया का रहने वाला था तो आइएसआइ के इशारे पर भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए काम करने वाला यूपी व दिल्ली पुलिस का इनामी आबी अहमद बारा जिला के सिमरौनगढ़ का रहनेवाला है.
शमसुल होदा ने सीमा के दोनों तरफ एक दर्जन लोगों को भारत विरोधी काम में संलिप्त किया था तो आबी अहमद की गिरफ्तारी के बाद अब खुलासा हो सकेगा कि उसने आइएसआइ के कितने एजेंट बनाये हैं. समशुल होदा ने अपने नेपाली कारिंदे ब्रजकिशोर गिरि के सहयोग आदापुर में दीपक राम, अरुण राम, राकेश कुमार, उमाशंकर पटेल, मोती पासवान समेत कई युवाओं को आइएसआइ से जोड़कर भारतीय क्षेत्र में विस्फोट कराया था. इससे साफ है कि आइएसआइ अब सीमा के दोनों तरफ तेजी से काम कर रही है.
हालांकि पिछले दिनों एनआइए की टीम ने इन इलाकों में दो दर्जन से अधिक बार छापेमारी कर पूरे गिरोह का खुलासा किया था. इधर, एनआइए के साथ-साथ बेतिया पुलिस व मोतिहारी पुलिस के सहयोग से आबी अहमद को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले भी कई दफा नेपाल के वीरगंज शहर एवं अन्य शहर से फेक करेंसी के कारोबार होने का खुलासा हो चुका है.