पीपराकोठी : चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के अवसर पर 18 अप्रैल को चंद्रहियां गांधी स्मारक परिसर से निकलने वाली स्मृति यात्रा को लेकर प्रशासन तैयारी में जुट गया है. वही गांव के लोग भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. बिते शुक्रवार को जिला के वरीय अधिकारियों ने चंद्रहियां गांव पहुंचकर स्मारक का जायजा लिया और तैयारी के मद्देनजर आवश्यक दिशा निर्देश दिया. वैसे शनिवार से गांधी स्मारक परिसर का रंग-रोगन, साफ-सफाई व गेट ग्रिल बदलने का कार्य आरंभ हो चुका है. चंद्रहियां गांधी स्मारक से आगामी 18 अप्रैल को स्मृति यात्रा आरंभ होगी जो चंद्रहियां से चलकर गांधी मैदान मोतिहारी पहुंच कर मुख्य समारोह में तबदील होगी.
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चंद्रहियां गांधी स्मारक परिसर को सजाने में जुटा प्रशासन
पीपराकोठी : चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के अवसर पर 18 अप्रैल को चंद्रहियां गांधी स्मारक परिसर से निकलने वाली स्मृति यात्रा को लेकर प्रशासन तैयारी में जुट गया है. वही गांव के लोग भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. बिते शुक्रवार को जिला के वरीय अधिकारियों ने चंद्रहियां गांव पहुंचकर स्मारक का जायजा लिया […]
चंद्रहियां से ही हुआ था चंपारण सत्याग्रह का बीजारोपण : 16 अप्रैल 1917 को महात्मा गांधी रामनवमी प्रसाद एवं धरनीधर प्रसाद के साथ किसान मजदूरों पर अंग्रेज नीलहों के द्वारा किये जा रहे अत्याचार व जुल्म की घटनाओं की जांच करने के लिए जसौली पट्टी जा रहे थे कि जैसे ही गांधी जी चन्द्रहियां पहुंचे कि उन्हें एक दारोगा ने एक नोटिस तामिला कराया. पत्र तत्कालीन जिला दंडाधिकारी डब्ल्यूबी हेकांक ने एमके गांधी, वर्तमान पता मोतिहारी के नाम जारी किया था.
पत्र में लिखा था कि चु बजरिय आपको आगाह किया जाता है कि इस जिला में आपकी उपस्थिति जन शांति के लिए खतरनाक है और घोर अव्यवस्था फैल सकती है. अतः इसके द्वारा आपको आदेश दिया जाता है कि आप अपनी उपस्थिति इस जिला से हटा लें तथा अगली उपलब्ध रेलगाड़ी से जिला छोड़ दें. गांधी जी ने उसी समय अपने साथियों को जसौली पट्टी भेज दिया और स्वयं बैल गाड़ी से वापस लौट गये. इस प्रकार चंपारण सत्याग्रह का बीजारोपण उसी समय से आरंभ हो गया.
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