मोतिहारी : गोविंदगंज के बलहा से भाई कमलेश ठाकुर को साथ लेकर ससुराल जा रहे रूपेश ठाकुर की हत्या में एक बात साफ हो चुकी है कि हत्यारों के टारगेट पर रूपेश ही था. हत्यारों ने साक्ष्य मिटाने के लिए कमलेश को भी मौत के घाट उतार दिया. कमलेश हत्यारों को पहचानता था. अगर वह बच जाता तो उनका चेहरा बेनकाब हो जाता.
इसके कारण ही रूपेश के साथ कमलेश को भी ठिकाने लगा दिया.जितनी बेरहमी से रूपेश की हत्या की गयी है, इससे साफ है कि हत्यारे उसके जिंदा बचने का मौका नहीं देना चाहते थे. कमलेश से ज्यादा चाकू के निशान रूपेश के शरीर पर था. यानी कमलेश की जान नाहक में चली गयी. अगर वह रूपेश के साथ नहीं जाता तो उसकी जान बच जाती. इस घटना में साफ हो चुका है कि हत्या करने वाले रूपेश और कमलेश के परिचित होंगे, तभी तो दुश्मनी रूपेश से थी, लेकिन साथ में रहने के कारण कमलेश की हत्या करनी पड़ी.